कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. उन्होंने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. चुनाव प्रचार भी तेज कर दिया है. दोनों ही पार्टियों ने अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट भी जारी कर दी है लेकिन इन लिस्ट के कारण राजनीति में चर्चा का बााजार गर्म हो गया है. एक तरफ जहां बीजेपी ने कट्टर हिंदू की छवि रखने वाले अपने फायर ब्रांड युवा नेता तेजस्वी सूर्या का नाम इस लिस्ट से हटा दिया है तो वहीं कांग्रेस ने राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को प्रचारकों की लिस्ट में शामिल ही नहीं किया है. तो आइए समझते हैं कि ऐसी क्या वजह हो सकती है कि इन दलों को यह कदम उठाना पड़ा.
तो सबसे पहले तेजस्वी सूर्या की बात
बीजेपी की युवा इकाई के युवा मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष और बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या आलाकमान की गुड बुक में हैं. हिंदुत्व की विचारधारा वाले तेजस्वी को पिछले साल गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल किया था. इस साल उनके अपने राज्य में ही जब चुनाव होने रहा है तो बीजेपी ने उन्हें प्रचारकों की लिस्ट में जगह ही नहीं दी. युवाओं में उनकी काफी लोकप्रियता है. वह मूल रूप से कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले के रहने वाले हैं. बासवांगुडी विधानसभा से विधायक एल.ए. रविसुब्रमण्यन उनके चाचा हैं. उनका क्षेत्र में अच्छा खासा प्रभाव है, इसके बाद भी उन्हें प्रचार से दूर कर दिया गया है. इसके अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं.
तो सबसे पहले तेजस्वी सूर्या की बात
बीजेपी की युवा इकाई के युवा मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष और बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या आलाकमान की गुड बुक में हैं. हिंदुत्व की विचारधारा वाले तेजस्वी को पिछले साल गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल किया था. इस साल उनके अपने राज्य में ही जब चुनाव होने रहा है तो बीजेपी ने उन्हें प्रचारकों की लिस्ट में जगह ही नहीं दी. युवाओं में उनकी काफी लोकप्रियता है. वह मूल रूप से कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले के रहने वाले हैं. बासवांगुडी विधानसभा से विधायक एल.ए. रविसुब्रमण्यन उनके चाचा हैं. उनका क्षेत्र में अच्छा खासा प्रभाव है, इसके बाद भी उन्हें प्रचार से दूर कर दिया गया है. इसके अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं.