बड़ी खबर:इसराइल हमास में जारी रहेगा संघर्ष विराम! सीमा भी नहीं बंधकों की अदला-बदली रहेगी…….

पश्चिम एशिया के गाजा में युद्ध और 47 दिनों के हिंसक संघर्ष में अब तक 15 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, बीते सात अक्तूबर से शुरू हुआ रक्तपात 24 नवंबर को कतर की प्रभावी मध्यस्थता और हस्तक्षेप के बाद बीते छह दिनों से थमा हुआ है। आज इस समझौते का आखिरी दिन था। ऐसे में सवाल उठ रहा था कि क्या फिर से जंग शुरू हो जाएगी। हालांकि, अब जानकारी सामने आई है कि थोड़े दिन और युद्ध नहीं होगा।

समय सीमा बताए बिना बढ़ा…
एक रिपोर्ट के अनुसार, समझौते की अवधि समाप्त होने से कुछ समय पहले ही दोनों पक्षों ने फैसला लिया कि इस्राइल और हमास के बीच युद्ध नहीं होगा। इस्राइली सेना ने कोई समय सीमा बताए बिना कहा कि कि बंधकों को रिहा कराने के लिए फिलहाल संघर्ष विराम जारी रहेगा। इस बीच, हमास ने कहा कि संघर्ष विराम को सातवें दिन के लिए बढ़ाने पर सहमति बनी है।

किसकी वजह से हुआ इस्राइल और हमास के बीच युद्धविराम
इस्राइल और हमास के युद्ध की शुरुआत के कई दिन बीतने के बाद यह जानना रोचक है कि युद्धविराम के प्रमुख कारक क्या हैं? किन देशों के प्रभावी दखल के कारण इस्राइल और हमास के बीच युद्धविराम हुआ? यह जानना भी बेहद दिलचस्प है। दरअसल, कतर के अलावा कई और देश भी फलस्तीन को अलग मान्यता देने की वकालत कर रहे हैं। टकराव खत्म कर शांति बहाली की अपील के बीच इस्राइल इसलिए भी कठघरे में है क्योंकि उस पर बड़े भूभांग पर कब्जा करने के आरोप हैं। इस्राइली आक्रामकता और फलस्तीन का विवाद काफी पेचीदा है। अत्याधुनिक हथियारों से लैस हमास गाजा पर नियंत्रण के साथ-साथ फलस्तीन का प्रतिनिधि होने का दावा भी करता है। हालांकि, फलस्तीन का प्रशासन (PA) हमास से जुड़ाव को सिरे से खारिज करता है।

भारत ने भी शांति बहाली और ‘टू-स्टेट’ समझौते का पक्ष लिया
खबरों के अनुसार, 24 नवंबर से संघर्ष विराम समझौता प्रभावी हुआ। इसके तहत हमास ने 50 से अधिक इस्राइली और विदेशी नागरिकों को बंधन से आजाद किया। बता दें कि हमास पर लगभग 250 लोगों को बंधक बनाने के आरोप हैं। हमास ने संघर्षविराम की शर्तों के तहत जब आम लोगों को कब्जे से मुक्त किया तो बदले में इस्राइल को भी जेलों में कैद 100 से ज्यादा फलस्तीनी कैदियों को रिहा करना पड़ा। बाद में 27 नवंबर की देर शाम संघर्ष विराम दो दिनों के लिए बढ़ाने जाने की खबर सामने आई। इसके अनुसार हमास 20 और इस्राइलियों को बंधन से आजाद करेगा। बदले में इस्राइल भी कैदियों को रिहा करेगा। युद्धविराम में कतर की भूमिका क्या रही? मिस्र और अमेरिका ने भी चार दिवसीय संघर्ष विराम को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। भारत ने भी शांति बहाली और ‘टू-स्टेट’ समझौते का पक्ष लिया है।

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