CHILD PORN सर्च करने वालों के खिलाफ दिल्ली पुलिस का बड़ा एक्शन,90 लोग गिरफ्तार…..

Delhi Police Cyber Cell: दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के साइबर सेल में चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखने वालों के खिलाफ ‘ऑपरेशन मासूम’ के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए पिछले 2 दिनों में 100 एफआईआर दर्ज की है और लगभग 90 लोगों को गिरफ्तार किया है. ये पूरी कार्रवाई दिल्ली के अलग-अलग जिलों के अलग-अलग थाना इलाकों में अंजाम दी गयी है. दिल्ली पुलिस को इस काम में एनसीआरबी और एक एनजीओ की मदद मिली है.

क्या है पूरा मामला?

दिल्ली पुलिस की तरफ से आपरेशन मासूम (मिटिगेशन ऑफ एडोलसेंट सेक्सुअली ऑफनसिव ऑनलाइन मटेरियल) चलाया जा रहा है. इस ऑपरेशन के तहत 1 दिसंबर से बड़े स्तर पर कार्रवाई शुरू की गई है, जिसके तहत 2 दिनों के अंदर दिल्ली भर के अलग अलग थानों में 100 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की गई हैं. साथ ही लगभग 90 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. दिल्ली पुलिस को एनसीआरबी के माध्यम से जानकारी मिलती है. असल में एक एनजीओ एनसीएमईसी (नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रन) दुनिया भर में बच्चों के लिए काम करती है. जो सोशल मीडिया के अलग अलग प्लेटफॉर्म पर नज़र रखती है, उन लोगों पर जो चाइल्ड पोर्नोग्राफी मटेरियल अपलोड, डाउनलोड या सर्फ करते हैं. ये एनजीओ एनसीआरबी को सूचना देती है और एनसीआरबी से दिल्ली से जुड़ी जानकारी दिल्ली पुलिस को दी जाती है. आईपी एड्रेस आदि की मदद से आरोपियों को ट्रेस किया जाता है.दिल्ली पुलिस एक लॉ एनफोर्समेंट एजेंसी, जैसे ही जानकारी पुलिस को मिलती है तो आरोपियों को ट्रेस करने का काम किया जाता है, जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है. गिरफ्तार किए गए आरोपी अलग अलग उम्र के हैं. इनकी मानसिकता क्या है ? वह कोई चिकित्सक सही बता सकता है. पुलिस ने इन सभी के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की है, जिसमें कम से कम 5 साल तक की सजा का प्रावधान है और लाखों रुपये का जुर्माना भी. पुलिस अब ये जांच कर रही है कि गिरफ्तार आरोपियों द्वारा ही बच्चों का अश्लील वीडियो अपलोड किया गया था या किसी और ने उसे अपलोड किया है.

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के साइबर सेल ने चाइल्ड पॉर्नोग्राफी सर्फ करने वाले लोगों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए पिछले दो दिनों में 100 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की है और लगभग 90 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में दिल्ली पुलिस को एनसीआरबी और एक एनजीओ से मदद मिली है. दरअसल एक एनजीओ एनसीआरबी को ये जानकारी उपलब्ध करवाती है कि आखिर कौन इंटरनेट के माध्यम से चाइल्ड पॉर्नोग्राफी सर्फ कर रहा है, जिसके बाद एनसीआरबी दिल्ली से जुड़ी जानकारी दिल्ली पुलिस को मुहैया कराती है और फिर दिल्ली पुलिस इन अपराधियों की तलाश में जुट जाती है. दिल्ली पुलिस को ऐसे लोगों का आईपी एड्रेस उपलब्ध कराया जाता है, जो चाइल्ड पॉर्नोग्राफी सर्फ कर रहे होते हैं और फिर इसी आईपी ऐड्रेस के माध्यम से दिल्ली पुलिस इन आरोपियों को ट्रेस करना शुरू कर देती है.

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