100 साल से ज्यादा पुरानी प्रमुख मस्जिदों का हो गोपनीय सर्वे सुप्रीम कोर्ट में PILदाखिल …

वाराणसी की जिला अदालत ने ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में मुकदमे की सुनवाई करने या नहीं करने के मसले पर गुरुवार को संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अगली सुनवाई के लिए 30 मई की तारीख नियत की।

देश में चल रहे मंदिर-मस्जिद विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि वो देश की सौ साल से अधिक प्राचीन और प्रमुख मस्जिदों की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के जरिए एक गोपनीय सर्वे कराने का निर्देश दे।

जनहित याचिका में सौ साल से अधिक पुरानी प्रमुख मस्जिदों के तालाबों और कुओं से वुजू को स्थानांतरित करने के लिए निर्देश देने की भी मांग की गई है। वुजू एक इस्लामी प्रक्रिया है जिसे मस्जिदों में प्रवेश से पहले शरीर के अंगों को साफ करने के लिए अपनाई जाती है।

इन्होंने दायर की है कोर्ट में याचिका

जनहित याचिका में कहा गया है कि ऐसी मस्जिदों का गोपनीय सर्वेक्षण किया जा सकता है ताकि वहां से यदि कोई अवशेष मिले तो अनावश्यक सांप्रदायिक तनाव और धार्मिक भावनाओं को आहत करने से बचा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट में यह जनहित याचिका अधिवक्ता शुभम अवस्थी की ओर से अधिवक्ता विवेक नारायण शर्मा के जरिए दायर की गई है।

वहीं, सप्त ऋषि मिश्रा ने गोपनीय सर्वे होने और रिपोर्ट जमा किए जाने तक विवादित संपत्तियों को किसी भी पक्ष या उनके हस्तक्षेप से मुक्त रखने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है। कोर्ट में दायर जनहित याचिका में प्रतिवादियों को सभी प्राचीन और प्रमुख मस्जिदों पर सर्वे करने के निर्देश देने की मांग की गई है जो 100 साल से अधिक पुरानी है और महाभारत, रामायण, पुराणों, वेदों और उपनिषदों में उपस्थिति के कारण विवादों में हैं।

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