बाहुबली मुख्तार अंसारी परिवार ने जब्त कराए पासपोर्ट- केस चलने तक….

  • उच्च न्यायालय से अंतरिम जमानत मिलने के बाद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की पत्नी और दोनों बेटों ने सोमवार को अपने पासपोर्ट गाजीपुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. ओमप्रकाश सिंह के यहां जमा कर दिए।
  • इस प्रकरण की विवेचना कर रहे इंस्पेक्टर की मौजूदगी में तीनों आरोपी वकील के साथ हाईकोर्ट के आदेश पर पासपोर्ट सरेंडर करने पहुंचे थे।
  • सांसद अफजाल अंसारी के साथ मुख्तार की पत्नी व दोनों बेटे पहुंचे थे। सभी ने केस चलने तक देश से बाहर न जाने की बात कही।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद मऊ विधायक मुख्तार अंसारी के बेटों और पत्नी ने सोमवार को अपने पासपोर्ट गाजीपुर पुलिस के पास जमा कराए। एसपी ओपी सिंह और मुकदमे के विवेचक की मौजूदगी में तीनों आरोपियों ने वकील के साथ हाईकोर्ट के आदेश पर प्रक्रिया को पूरा किया। सोमवार को एसपी ओपी सिंह से सांसद अफजाल अंसारी के साथ तीनों ने मुलाकात की और पासपोर्ट जमा करते हुए केस चलने तक देश के बाहर नहीं जाने की बात भी कही। अपने आवास मुहम्मदाबाद चले गए हालांकि जिले में किसी अन्य से मुलाकात नहीं की। मुख्तार के बेटों और पत्नी के जिला मुख्यालय पर आने की चर्चाएं भी तेज रहीं।  

एसपी ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि गाजीपुर सदर कोतवाली में मुख्तार अंसारी की पत्नी और बेटों पर गजल होटल के निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन के मामले में धांधली के आरोप हैं। इस मामले में सदर कोतवाली में पिछले साल मुकदमा दर्ज किया गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों को अंतरिम राहत देते हुए 9 फरवरी तक उनके गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है। जमानत के दौरान कोर्ट ने कुछ शर्ते लगाई थी जिसमें पासपोर्ट को एसपी के सामने विवेचक के पास जमा कराना था। इसी क्रम में सांसद अफजाल अंसारी ने मुलाकात के लिए सोमवार को समय मांगा था। मुख्तार अंसारी की पत्नी आफ्शां अंसारी, उनके बेटे अब्बास अंसारी और उमर अंसारी ने अपने-अपने पासपोर्ट जमा कराए हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 9 फरवरी को होनी है। 

कोर्ट की शर्तों में मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों अब्बास और उमर समेत पत्नी को कोर्ट ने 50 हज़ार के निजी मुचलके और दो जमानतदारों के आधार पर अंतरिम राहत दी है। कोर्ट ने आदेश दिया था कि मुख्तार के दोनों बेटे विदेश यात्रा पर नही जा सकेंगे। उन्हें अपने पासपोर्ट को एसपी के पास जमा करवाना होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि दोनों गजल होटल के जमीन से जुड़े किसी भी गवाह को प्रत्यक्ष का परोक्ष रूप से प्रभावित नहीं करेंगे।  कोर्ट ने यह भी साफ किया है कि अगर अब्बास और उमर कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करते हैं तो ऐसे में विवेचना अधिकारी दोनों की अग्रिम जमानत को रद करने की अर्जी दे सकते हैं। बताते चलें कि इस मामले में अब्बास और उमर की अग्रिम बेल याचिकाएं गाजीपुर एडीजे कोर्ट में सुनवाई के साथ ही रद कर दी गई थीं। उसके बाद अंसारी परिवार ने इस मामले में अंतरिम राहत के लिए हाईकोर्ट में रिट दाखिल की थी।

मुख्तार की पत्नी को भी मिल चुकी है अंतरिक जमानत 

इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस सिद्धार्थ की बेंच ने अफशां अंसारी की बेल याचिका मंजूर करते हुए अग्रिम जमानत दी है।  22 जनवरी को सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया गया था, जिस पर 3 फरवरी को कोर्ट ने शर्तों के साथ अग्रिम जमानत दी।  सुप्रीम कोर्ट के मोहम्मद इब्राहिम बनाम बिहार सरकार के मामले का संदर्भ लेते हुए अफशां अंसारी के बेल अर्जी को मंजूर किया है। अफशां अंसारी पर गजल के जमीन खरीद मामले में फर्जीवाड़े में शामिल होने का आरोप है। अफशां अंसारी के बेल मामले में सत्र न्यायालय से अर्जी खारिज होने के बाद अंसारी परिवार ने हाईकोर्ट का रुख किया था।

Share
Now