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सहायक शिक्षक अपनी मर्जी के जिलों में पा सकेंगे तैनाती। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एनओसी जारी करने का आदेश….

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सहायक अध्यापक भर्ती 2018 में चयनित कार्यरत सहायक अध्यापकों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने कहा है कि संबंधित बेसिक शिक्षा अधिकारी इन चयनित अध्यापकों को चयन प्रक्रिया में शामिल होने के लिए अनापत्ति यानी नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट प्रदान करे। साथ ही मेरिट के आधार पर काउंसलिंग में शामिल होने और मनचाहे जिले में नियुक्ति की अनुमति दी जाए। यह कार्यवाही चार हफ्ते में पूरी की जाए।

आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने रोहित कुमार और अन्य की याचिकाओं को स्वीकार करते हुए कहा दिया है। याचियों का कहना था कि वे विभिन्न जिलों में सहायक अध्यापक पद पर कार्यरत हैं।

याचियों का चयन 2018 की भर्ती में भी हुआ था। लेकिन उन्हें काउंसलिंग में शामिल होने के लिए बीएसए द्वारा अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं दिया जा रहा है। वे मेरिट के आधार पर पसंद के जिले में नियुक्ति पाना चाहते हैं।

सरकार और बोर्ड का इस मामले में कहना था कि शासनादेश में अध्यापकों को फिर से उसी पद पर चयनित करने से काफी पद खाली हो जाएंगे। यदि पसंद के जिले में नियुक्ति पानी है तो अंतर्जनपदीय स्थानांतरण नीति के तहत आवेदन दे सकते हैं।

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