शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का एरियर जारी……

सरकार ने विभागीय जांच का सामना कर रहे तीन सहायताप्राप्त अशासकीय डिग्री कालेजों को बीते दिसंबर माह का वेतन सशर्त जारी कर दिया है। इससे पहले बीती 18 मार्च को राज्य के समस्त अशासकीय डिग्री कालेजों के शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का एरियर जारी किया जा चुका है। 

उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा धन सिंह रावत ने बताया कि उच्च शिक्षा निदेशालय के सभी रुके बिल पास किए गए हैं। इसके साथ ही डीएवी, डीबीएस एवं एसजीआरआर पीजी कॉलेज के शिक्षकों व कर्मचारियों का दिसंबर महीने का रुका वेतन भी सशर्त जारी कर दिया गया है। उक्त तीनों कालेजों के खिलाफ शिकायतों के तहत जांच जारी है।

अगर जांच में कोविड-19 के अंतर्गत जारी दिशा-निर्देशों के तहत कालेजों में शिक्षकों के पढ़ाई नहीं कराने की पुष्टि हुई तो तो ऐसे शिक्षकों के अग्रिम वेतन से भुगतान की गई राशि समायोजित की जाएगी। उन्होंने बताया कि अशासकीय कालेजों के शिक्षकों को सातवें वेतनमान का दो वर्ष का एरियर रुका हुआ था। इस संबंध में बीती 18 मार्च को शासनादेश जारी कर 27.41 करोड़ की राशि दी जा चुकी है। इससे करीब 458 शिक्षकों के अतिरिक्त सैकड़ों शिक्षणेत्तर कर्मचारी लाभान्वित हुए हैं।

दीप्ति को हटाकर मधु को कर्मकार बोर्ड के सचिव का जिम्मा

शासन ने उप श्रमायुक्त, हरिद्वार मधु नेगी चौहान को मौजूदा पदभार के साथ ही उत्तराखंड भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के सचिव का दायित्व भी सौंप दिया है। अभी तक श्रमायुक्त दीप्ति सिंह यह जिम्मेदारी निभा रही थीं। उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड गत वर्ष अक्टूबर में तब चर्चा में आया, जब श्रम मंत्री डा हरक सिंह रावत को इसके अध्यक्ष पद से हटाकर शमशेर सिंह सत्याल को यह जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके बाद शासन ने बोर्ड का नए सिरे से गठन करने के साथ ही पूर्व में सदस्य सचिव का दायित्व देख रहीं दमयंती रावत को भी मूल विभाग में भेज दिया था।

नए बोर्ड के अस्तित्व में आने के बाद सात नवंबर को हुई बोर्ड की पहली बैठक में पिछले बोर्ड के तमाम फैसलों को पलट दिया गया। यह बात भी सामने आई कि पिछले बोर्ड के कार्यकाल में तमाम मामलों में नियमों की अनदेखी के साथ ही वित्तीय अनियमितता भी बरती गई। इस मामले की जांच चल रही है, जिसकी रिपोर्ट अभी आनी है। अब प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन के बाद सरकार ने बोर्ड के सचिव को बदल दिया है। इससे यह माना जा रहा है कि एक बार फिर श्रम मंत्री हरक सिंह रावत राजनीतिक रूप से मजबूत होकर उभरे हैं। 

Share
Now