उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद एक नए युग की शुरुआत हुई है। इस संहिता के तहत लिव-इन रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता दी गई है, जिसके तहत दो वयस्क व्यक्ति एक साथ रहने के लिए पंजीकरण करा सकते हैं।
इस संहिता के तहत दून में दो जोड़े सबसे पहले लिव-इन रिलेशन का पंजीकरण कराने के लिए आगे आए हैं। दोनों युगलों ने यूसीसी पोर्टल पर लिव-इन का पंजीकरण कराने के लिए आवेदन किया है, जिसकी जांच दून पुलिस कर रही है। यदि दस्तावेज और दावे सही पाए जाते हैं, तो दोनों जोड़ों को लिव-इन में रहने की अनुमति दी जाएगी।
इस संहिता के तहत लिव-इन रिलेशनशिप के पंजीकरण के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, जिनमें महिला और पुरुष की तस्वीरें, उत्तराखंड के निवास का प्रमाण, बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र, और अन्य दस्तावेज शामिल हैं।
इस संहिता के तहत लिव-इन रिलेशनशिप को समाप्त करने के लिए भी पंजीकरण की आवश्यकता होगी। जोड़े के एक साथी की ओर से रिश्ता समाप्त करने का आवेदन करने पर रजिस्ट्रार दूसरे से पुष्टि करेगा।
इस संहिता के तहत लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले व्यक्तियों को कुछ अधिकार भी प्राप्त होंगे, जिनमें किराये पर घर, हॉस्टल, या पीजी में रहने की अनुमति शामिल है। इसके अलावा, लिव-इन रिलेशनशिप में पैदा हुए बच्चों को जैविक संतान के समस्त अधिकार प्राप्त होंगे।
रिपोर्ट:- कनक चौहान