बांका जिले में बिहार सरकार के स्वास्थ्य एंव कृषि मंत्री मंगल पांडे प्रधानमंत्री कार्यक्रम को लेकर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक किया इसी दौरान बांका सदर में संविदा पर काम कर रही एएनएम ने पिछले तीन वर्षों से बांका पी एस सी में सेवा दे रही हैं उनका कहना है कि संविदा पर शहरी ए एन एम जनता की सेवा कर रही हैं लेकिन सरकार के द्वारा हम लोगों के मासिक वेतन में वृद्धि नहीं की गई है ।साथ ही उसके बाद में फिर संविदा पर की गई बहाली में एएनएम की मासिक वेतन में वृद्धि किया है आखिर हमलोगो के साथ सौतेला व्यवहार क्यों ?
स्वस्थ्य मंत्री, बिहार सरकार को आवेदन देकर बताया गया कि शहरी क्षेत्र में कार्यरत ए० एन० एम के साथ विभागीय भेदभाव किया जा रहा है जबकि राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार, पटना के विज्ञापन संख्या – 03/2020 के तहत शहरी क्षेत्र के टीकाकरण सुद्दीकरण हेतु राज्य के शहरी क्षेत्र में कार्यरत ए० एन० एम० की बहाली स्वीकृत पदों के विरुद्ध संविदा पर किया गया था। जिसका एकमुश्त मानदेय 11,500 रुपया प्रति माह पर योगदान कराया गया था। जिला में गोगदान करने का आदेश दिया गया। नियोजित ए० एन० एम० की मानदेय का भुगतान कोषागार के माध्यम से की जायेगी। 30 अप्रैल 2022 से अबतक मानदेय में किसी प्रकार की वृद्धि नहीं की गई है जबकि राज्य स्वस्थ्य समिति, पटना द्वारा ही दिसम्बर 2022 में बहाल हुई ए एन० एम० को प्रत्येक वर्ष 5% वार्षिक वृद्धि दी जाती । और राज्य स्वास्थ्य समिति, पटना के द्वारा दिसम्बर 2022 में बहाल हुए को 11,500/- रू0 मानदेय पर ही नियोजित किया गया था। वही ए० एन० एम० को 11,500 से वृद्धि कर 15000 रु० कर दिया और प्रत्येक वर्ष 5% वार्षिक वृद्धि दी जाती है। हम सभी शहरी क्षेत्र की ए० एन० एम० को विभागीय भेदभाव करते हुए न तो प्रत्येक वर्ष 5% वार्षिक वृद्धि दी जाती है न ही मानदेय में कोई वृद्धि की गई है। जिससे की सभी शहरी ए० एन० एम० की आर्थिक स्थिति बहुत ही नाजुक हो गई । इस मानदेय से अपना भी भरन पोषण करना मुश्किल हो रही है ।वही मंत्री के द्वारा आश्वासन नही मिलने पर फूट-फूट कर रोई एएनएम।
वही ए एन एम अंमली कुमारी
ललिता हेम्ब्रम, वाहमनी मुर्मू,
सुभात कुमारी,सोनी कुमारी
नुतन प्रभा , प्रियका कुमारी, प्रीति कुमारी सूबे के मंत्री से मिलकर अपनी आपबीती सुनाई। मनोरंजन प्रसाद, ब्यूरो चीफ, बांका।
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे से मिलने के बाद फूट-फूट कर रोइ एएनएम , नही मिला कोई अश्वासन
