समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गठबंधन टूटने का ठीकरा रालोद पर फोड़ा है। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से लगाव की बात कही। पिछले छह साल में बदले राजनीतिक हालात का जिक्र किया। यह कहने से भी नहीं चूके कि रालोद ने जीरो से शुरू किया था और अब सपा के सहयोग से विधायक बने हैं। सीटों के बंटवारे के सवाल पर कहा कि सारे आरोप गलत हैं। हमारे मोबाइल में सबूत हैं।
साल 2018 में कैराना लोकसभा के उप चुनाव में सपा और रालोद साथ आए थे। रालोद के सिंबल पर तबस्सुम हसन जीतकर लोकसभा पहुंची थीं। छह साल बाद रालोद के एनडीए के साथ चले जाने की संभावनाओं के बीच गठबंधन टूट गया।
वहीं, बदले राजनीतिक परिदृश्य में मुजफ्फरनगर पहुंचे सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गठबंधन के सवालों के जवाब दिए। उन्होंने रालोद की तरफ इशारा करते हुए कहा कि 2018 में इनका खाता खाली था। जब तबस्सुम जीतीं, तब हमने कहा था कि चौधरी चरण सिंह की विरासत को आगे लेकर आ रहे हैं। 2022 में सपा के सहयोग से इनके विधायक बने।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में सपा ने सात सीटें दी थीं और भाजपा ने दो। इन्हें दो ज्यादा लगी होंगी। लेकिन सपा पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वह गलत है। बोले कि राजनीति में सपा को लंबा सफर तय करना है। मोबाइल में सूची है, नाम किसने दिए। पहले नाम मांगे गए, फिर नाम दिए गए। कोई आरोप नहीं लगा सकता