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पप्पू यादव और मायावती के बाद कांग्रेस ने भी किया विरोध कर रहे छात्रों का समर्थन, जानें क्या कुछ कहा….

Elections 2022: दिल्ली में आज कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने एक प्रेस कांफ्रेस का आयोजन कर RRB-NTPC Exam परीक्षा में प्रदर्शन करे रहे छात्रों पर लाठी चार्ज का विरोध दर्ज कराया है. श्रीनेत ने कहा कि युवाओं के खिलाफ साजिश रची जा रही है. परीक्षा के नियमों में बदलाव किया जा रहा है.

जिन्होंने 2 करोड़ रोजगार हर साल देने का वादा किया था उन्होंने रोजगार को खत्म करने का काम किया है. परीक्षाएं रद्द होती हैं. पेपर लीक होते हैं. रेलवे जो पहले सबसे ज्यादा रोजगार देता था वो अब परीक्षा नहीं करा पा रहा है. जो पहले परीक्षा के लिए योग्य थे वो अब नहीं होंगे. 

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि लोगों का रोष समझती हूं. युवा परीक्षाओं को लटकाने का खामियाजा भुगत रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब एक ही अपील है 28 को जो रेल रोको आंदोलने होना है हम उसका समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि देश के युवाओं के खिलाफ वादाखिलाफी हो रही है. वह युवाओं के रोजगार पर बात करने के अलावा और सब बात करने के लिए तैयार हैं. जो छात्र आज भी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं. उनके दर्द को सरकार को समझने की जरूरत है.

राहुल गांधी ने ट्विटर को लिखी है चिट्ठी

कांग्रेस प्रवक्ता ने राहुल गांधी के ट्विटर को चिट्ठी लिखने संबंधित बात पर कहा कि ट्विटर ने कांग्रेस के कई ट्विटर हैंडल्स को बंद कर दिया है. ट्विटर का जवाब यह दर्शाता है कि यह सरकार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का कैसे दुरुपयोग करती है. ट्विटर का रिस्पांस हमारे और राहुल गांधी के स्टैंड को इंडिकेट करता है. उन्होंने आगे कहा कि राहुल जी के फॉलोवर जो तेज़ी से बढ़ते थे वे कम हुए हैं.

तानाशाह सरकार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को भी नहीं बख्श रही है. लोकतंत्र में अगर सरकार के खिलाफ जो आवाज़ उठे वो ज्यादा लोगों तक न पहुंचे ये उसके कारण हो रहा है. विरोध को दबाने की ये कोशिश है. ट्विटर का जवाब हमारे आरोप को सही ठहराता है.

हामिद अंसारी के देश में असुरक्षा और असिहुष्णता के बयान का समर्थन

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के देश में असुरक्षा और असिहुष्णता वाले बयान का समर्थन किया है. उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमारे देश में चुनी हुई सरकार है प्रचंड बहुमत है. गांधी जी पर जब हमले होते हैं तो पीएम गृह मंत्री मौन रहते हैं.

सरकारें मुह में दही जमा कर बैठ जाती हैं. महिलाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी होती है लेकिन कार्रवाई नही होती है. किसी ओर पर टिप्पणी करने से पहले अपनी सरकार से वे पूछ लें तो ज्यादा उचित होगा. फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन इंडेक्स में भारत का गिरना दिखाता है की देश में अभिव्यक्ति की क्या स्थिति है.

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