छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान में भी चौंकाएंगे मोदी.शाह….

  • संगठन व मीडिया वालों की नजर से दूर हो सकता है CM फेस
  • छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश CM चेहरों ने सभी को चौंकाया.
  • राजस्थान में भी चौंकाने वाला नाम सामने आने की संभावना.
  • सूत्र के हवाले से खबर इस बार राजघराने से नहीं होगा CM,
  • वसुंधरा को दरकिनार करना बीजेपी को पड़ सकता है महंगा

जयपुर से अबरार त्यागी की रिपोर्ट

छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में नए और चर्चा से बाहर रहे चेहरों को मुख्यमंत्री नियुक्त कर मोदी-शाह की जोड़ी ने न सिर्फ इन प्रदेशों में सीएम की रेस में शामिल नेताओं को चौंकाया अपितु यह पूरे देश के सामने यह मिसाल भी पेश किया है कि देश और जनता के हित के लिए वह बड़े से बड़े फैसले ले सकते हैं।

भले ही इसके लिए किसी सीटिंग सीएम को भी पद हटाना पड़े। छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय और मध्यप्रदेश में मोहन यादव को सीएम बनाना यही दिखाता है।

साय की नियुक्ति जहां छत्तीसगढ़ में आदिवासी समुदाय को प्रतिनिधित्व देकर दूसरे राज्यों में इस वर्ग को साधने की कवायद कहा जा सकता है तो वही ओबीसी बाहुल्य मध्यप्रदेश में मोहन यादव की नियुक्ति ओबीसी वर्ग को साधने के साथ यूपी-बिहार के यादवों को भी एक मैसेज देने की ओर संकेत करता है।

इन दोनों राज्यों में जिस तरह से आरएसएस पृष्ठभूमि और पार्टी के लिए समर्पित रहे दो सामान्य कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री बनाया गया है, राजस्थान में भी यही होने वाला है। इससे साफ है कि वहां इस बार मुख्यमंत्री राजघराने से नहीं होगा।

जो रेस में बताए जा रहे हैं संभवत मोदी-शाह की सूची में वे नाम भी न हो और एक ऐसा चेहरा सामने आए जिसकी कल्पना पार्टी, संगठन के लोग व मीडिया वाले भी न कर पार रहे हों।

जिस तरह से छत्तीसगढ़ में आदिवासी मुख्यमंत्री के साथ ओबीसी और सामान्य वर्ग से दो डिप्टी सीएम बनाए गए हैं वैसे ही मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग से मुख्यमंत्री और ओबीसी ही से व सामान्य वर्ग से दो डिप्टी सीएम बनाकर जातिय संतुलन बनाया गया है।

हालांकि राजस्थान में वसुंधरा, बालक नाथ, गजेंद्र सिंह शेखावत,अश्विनी वैष्णो,दया कुमारी, CP जोशी,ओम बिरला सहित कई बड़े नाम की चर्चा है!

यह ते माना जा रहा है कि CM फेस आरएसएस पृष्ठभूमि से ही होगा

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