लखनऊ: अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई है। एमपीएमएलए कोर्ट के फैसले में सुनाई गई थी दो साल की सजा। रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक अब्दुल्ला आजम को तीन साल में दो बार अपनी विधायकी से दो बार हाथ धोना पड़ा है। तीन साल पहले भी उम्र के फर्जी प्रमाणपत्र मामले में हाईकोर्ट में अब्दुल्ला की विधायकी को रद्द कर दिया था।
फिलहाल, ताजा मामले में अब 15 साल पहले हरिद्वार हाइवे पर जाम करने के एक मामले में कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है। इसी सजा के बाद अब्दुल्ला आजम की विधायकी चली गई है। नियम यह है कि आपराधिक मामले में दो साल या उससे अधिक सजा होने पर जनप्रतिनिधि की विधायकी खुद ही खत्म हो जाती है।
अब विधायकी खत्म होने के बाद चूंकि स्वार विधानसभा सीट खाली हो गई है, इसलिए वहां चुनाव की तैयारी भी शुरू की जाएगी। ठीक इसी तरह हेट स्पीच मामले में अब्दुल्ला आजम के पिता आजम खान की रामपुर से विधानसभा सदस्यता गई और बाद में हुए उपचुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार आकाश सक्सेना विधायक चुने गए हैं।