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संभल की मस्जिद पर छिड़ा नाम का संग्राम, कोर्ट में पहुंचा मामला जानिए आखिर क्युँ …

संभल जिले में स्थित जामा मस्जिद के नाम को लेकर हाल ही में विवाद उठ खड़ा हुआ है। पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) ने मस्जिद के बोर्ड पर ‘जुमा मस्जिद’ लिखा देखा, जबकि मस्जिद प्रबंधन समिति इसे ‘जामी मस्जिद’ के नाम से जानती है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दायर एक पुनरीक्षण याचिका में मस्जिद के नाम को लेकर यह विवाद सामने आया है। एएसआई के अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह ने बताया कि एएसआई के दस्तावेजों में इसे ‘जुमा मस्जिद’ कहा गया है, जबकि प्रबंधन समिति इसे ‘जामी मस्जिद’ के रूप में प्रस्तुत कर रही है। यह असहमति मस्जिद के ऐतिहासिक नाम और पहचान को लेकर है। ​

इस बीच, हिंदू पक्ष के वकील ने अदालत में मस्जिद को ‘विवादित संरचना’ के रूप में संदर्भित करने की मांग की है, क्योंकि इस स्थल को लेकर मंदिर-मस्जिद का विवाद लंबित है। यह मसला पहले सुप्रीम कोर्ट और अब उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। ​

एएसआई ने अपनी एक हलफनामे में कहा है कि मस्जिद प्रबंधन समिति ने स्मारक में कई बदलाव किए हैं और एएसआई टीम को निरीक्षण से रोका है, जिससे मस्जिद की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त करना कठिन हो गया है। हलफनामे में यह भी उल्लेख किया गया है कि जब भी आधुनिक हस्तक्षेप की गतिविधि देखी गई, तो स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज की गई और जिम्मेदारों को नोटिस जारी किए गए हैं। ​

केंद्र सरकार ने भी इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए अदालत में याचिका दायर की है, जिसमें एएसआई को जामा मस्जिद का प्रबंधन और नियंत्रण सौंपने की मांग की गई है। एएसआई का कहना है कि मस्जिद 1920 से एक संरक्षित स्मारक है, और इसके संरक्षण का जिम्मा उसी का है। इस याचिका में यह भी उल्लेख है कि एएसआई को मस्जिद के संरक्षण में मस्जिद कमेटी और स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा है।

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