“पालतू जानवरों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, जल्दी कराएं ID”

आगरा नगर निगम ने शहर में पालतू जानवरों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है. अब तक 100 से अधिक पालतू जानवरों के आईडी कार्ड जारी हो चुके हैं, इनमे शामिल कुत्ते, बिल्ली और खरगोश हैं. नगर निगम का मानना है कि आगरा शहर में करीब 20,000 पालतू जानवर घरों में रहते हैं. और इन सभी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है.

रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया:-
रजिस्ट्रेशन के लिए आपको आगरा नगर निगम चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से ऑफलाइन फॉर्म लेना होगा. फॉर्म में पालतू जानवर की नस्ल, वैक्सीनेशन और अन्य जानकारी भरनी होगी. इसके साथ जरूरी दस्तावेज जमा करने होंगे. जहां तक शुल्क की बात है तो विदेशी नस्ल के पेट्स के लिए शुल्क ₹500 रुपये है और देसी नस्ल के पेट्स के लिए ₹200 शुल्क है. फॉर्म जमा करने के बाद वेरिफिकेशन होगा और फिर आईडी कार्ड जारी किया जाएगा.

आवयशक दस्तावेज

  1. पालतू जानवर का पासपोर्ट साइज फोटो.
  2. पालतू जानवर और मालिक के साथ तीन पासपोर्ट साइज फोटो.
  3. वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट.
  4. मालिक के आधार कार्ड की कॉपी .
  5. शुल्क रसीद की फोटो कॉपी. रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
    रजिस्ट्रेशन के लिए आपको आगरा नगर निगम चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से एक ऑफलाइन फॉर्म लेना होगा. फॉर्म में पालतू जानवर की नस्ल, वैक्सीनेशन और अन्य जानकारी भरनी होगी. इसके साथ जरूरी दस्तावेज जमा करने होंगे. जहां तक शुल्क की बात है तो विदेशी नस्ल के पेट्स के लिए शुल्क ₹500 रुपये है और देसी नस्ल के पेट्स के लिए ₹200 शुल्क है. फॉर्म जमा करने के बाद वेरिफिकेशन होगा और फिर आईडी कार्ड जारी किया जाएगा.

जरूरी दस्तावेज

  1. पालतू जानवर का पासपोर्ट साइज फोटो.
  2. पालतू जानवर और मालिक के साथ तीन पासपोर्ट साइज फोटो.
  3. वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट.
  4. मालिक के आधार कार्ड की कॉपी .
  5. शुल्क रसीद की फोटो कॉपी.

पालतू जानवरों की संख्या होनी है निश्चित
शहर में पालतू जानवरों का डाटा तैयार होगा इसलिए ये रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है. पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय यादव ने बताया कि इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य शहर में पालतू जानवरों की संख्या निर्धारित करना और डॉग बाइट्स जैसी घटनाओं पर रोक लगाना है. नगर निगम के पास पालतू जानवर और उनके मालिक का पूरा डाटा उपलब्ध रहेगा. इससे शहर में स्वान और अन्य पालतू जानवरों के प्रबंधन में मदद मिलेगी.

नगर निगम का यह कदम पालतू जानवरों के बेहतर प्रबंधन और शहर की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है. लोगों में भी इसे लेकर जागरूकता बढ़ायी जा रही है. बेहतर होगा कि जिन लोगों के पास किसी भी प्रकार का पेट एनिमल है वो पूरी प्रक्रिया ठीक से करें और निगम को सही जानकारी देने में मदद करें.

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