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ग्लोकल विश्वविद्यालय में हर्षोल्लास से मनी विश्वकर्मा जयंती

ग्लोकल विश्वविद्यालय में कुलपति प्रोफेसर डॉ. पी.के. भारती की प्रेरणा से विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर प्रार्थना व हवन का आयोजन किया गया। मुख्य यजमान के रूप में  कुलसचिव प्रोफेसर डॉ. एस.पी. पाण्डे ने हवन कराया। इस अवसर पर बोलते हुए कुलसचिव प्रोफेसर डॉ. एस.पी. पाण्डे ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा को हिंदू शास्त्रों में सृजन का देवता माना जाता है। वे न केवल देवताओं के अद्वितीय वास्तुकार थे, बल्कि उन्हें संसार का पहला इंजीनियर भी कहा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, उन्होंने कई महत्वपूर्ण निर्माण कार्य किए, जैसे स्वर्गलोक, पुष्पक विमान, इंद्रप्रस्थ नगर और भगवान शिव का त्रिशूल।
इन निर्माणों से पता चलता है कि वे सृजन और तकनीकी कौशल के प्रतीक थे। विश्वकर्मा जयंती खास तौर पर उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, जो निर्माण, यांत्रिकी, शिल्पकारी, और औद्योगिक कार्यों में संलग्न हैं।
इस अवसर पर प्रोफेसर डॉ. शिवानी तिवारी, प्रतिकुलपति आयूष प्रोफेसर डॉ. जॉन फिन्बे, डाइरेक्टर आई.क्यू.ए.सी. प्रोफेसर डॉ. संजय कुमार, डायरेक्टर एडमिन गुरुदयाल सिंह कटियार, चीफ प्रॉक्टर मोहम्मद् जमीरुल इस्लाम, ग्लोकल् लॉ स्कूल के डीन प्रोफेसर डॉ. पी.एस. पवार, डीन फार्मेसी कॉलेज डॉ. उमेश कुमार, वोकेशनल स्टडीज़ स्कूल की डीन डॉ. रेशमा ताहिर, हिना राजपूत व ट्रांसपोर्ट इंचार्ज अहमद अली, सहायक ट्रांसपोर्ट इंचार्ज मोहम्मद् मजिद अहमद, अरुण, विपिन, सरवन आदि सहित सभी कार्मिक गण, अन्य फैकल्टी तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। समस्त कार्यक्रम का संयोजन डॉ. शोभा त्रिपाठी ने किया।
कार्यक्रम का समापन प्रसाद वितरण से हुआ।

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