सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जाति जनगणना का मामला, सरकार को निर्देश देने की उठाई मांग

जाति जनगणना का मामला लगातार तूल पकड़ता ही जा रहा है। इसी क्रम में ये मामला अब सुप्रीम कोर्ट की सीढ़ी चढ़ चुका है जी हां इसे लेकर एक जनहित याचिका उच्चतम न्यायालय में दाखिल की गई है। याचिकाकर्ता की मांग है कि जातिवार जनगणना कराने के निर्देश केंद्र सरकार को दिए जाएं। याचिका में पिछड़े और अन्य हाशिए पर पड़े वर्गों के कल्याण के लिए इसे जरूरी बताया गया है। साथ ही कई और अन्य फायदे भी इसके गिनाए गए हैं।

याचिका में कहा गया है कि सामाजिक-आर्थिक जातिवार जनगणना से वंचित समूहों की पहचान करने, समान संसाधन वितरण सुनिश्चित करने और नीतियों के कार्यान्वयन की निगरानी करने में मदद मिलेगी। साथ ही पिछड़े और अन्य हाशिए पर पड़े वर्गों का सटीक आंकड़ा सामाजिक न्याय और संवैधानिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण होगा।

‘डाटा अधारित नजरिया अपनाने की जरूरत’
याचिका के अनुसार नीति निर्माण के लिए डाटा आधारित नजरिया अपनाना आवश्यक है। सटीक डाटा होने से सामाजिक-आर्थिक स्थितियों और जनसांख्यिकी को समझने में मदद मिलती है। इससे वंचित समुदायों के उत्थान के लिए योजनाएं बनाना संभव हो पाता है।

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