देहरादून में हुई गैंगरेप की वारदात ने सभ्य समाज को झकझोर कर रख दिया है आखिर देवभूमि में इस तरह की घटना होना कहीं ना कहीं समाज और कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा करता है जिन पांच दरिंदों ने यह घटना की है उनमें एक की उम्र तो लड़की की उम्र से तीन गुना है आखिर हम किस समाज में जी रहे हैं यह सोचने पर मजबूर होने का वक्त है अब इनको इस तरह की सजा दी जानी चाहिए कि जो नजीर बन सके क्योंकि रुद्रपुर में नर्स तस्लीम जहां की रेप के बाद हत्या को अभी देवभूमि बोली भी नहीं थी के आईएसबीटी गैंगरेप ने झकझोर करके रख दिया है आखिर एक के बाद एक हो रही घटना और वह भी समुदाय विशेष की लड़कियों के साथ तो यह किस तरफ इशारा कर रहे हैं यह बात सत्य है कि किसी भी अपराधी का कोई मजहब नहीं होता लेकिन यह भी उतना ही सकते हैं कि अगर आरोपी मुस्लिम समुदाय के होते हैं तो पुलिस प्रशासन और लोगों का रवैया आक्रामक हो जाता है और बुलडोजर कार्रवाई तुरंत शुरू हो जाती है तो इन दरिंदों के खिलाफ जिन्होंने आईएसबीटी में गैंगरेप को अंजाम दिया है कब बुलडोजर घर जाएंगे इसको देश प्रदेश के सभी कानून प्रिया लोग देख रहे हैं या इनका धर्म देखकर बुलडोजर खामोश हो जाएंगे
जन अधिकार मोर्चा के अध्यक्ष आजाद अली ने साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इस मामले में कठोर कार्रवाई नहीं हुई तो हम आंदोलन को मजबूर होंगे इसलिए उत्तराखंड के शांतिप्रिय माहौल के लिए इस मामले में पुलिस को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए जिससे के आगे भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो सके