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शकील के फितने को समझना नहीं मुश्किल। सिर्फ इस आर्टिकल को पढ़कर जानें सच्चाई ….

भारत वर्ष एक बहु धार्मिक मान्यताओं का देश है। मुख्य रूप से यहां पर हिंदू ईसाई, मुस्लिम, सिख और बौद्ध धर्म के लोग रहते हैं। बहुसंस्कृति होने की वजह से यहां धार्मिक मान्यताए बदलती रहती हैं चूंकि भारत वर्ष 140 करोड़ लोगो का विविधता का देश है इसलिए इसमें धार्मिक विविधता पैदा करने की निरंतर कोशिश की जाती रही है। इसी कड़ी में कभी बाहर से और कभी अंदर से खास कर इस्लामिक मान्यताओं को प्रभावित करने की कोशिश होती रहती हैं और इसी का नतीजा फितना इरतेदाद यानी घर वापसी या फितना कादियानियत और फिरक़ा शकीलीयत के रूप में सामने आता है। बाहरी ताकते छल फरेब से यह काम कर रही हैं और पहले मुसलमानों के अंदर फूट डालने और सीरात मुस्तकीम से हटाने के लिए मिर्जा गुलाम अहमद कादयानी जिसका इंतकाल हो चुका है झूठा नबी (हजरत ईसा मसीह) और ईमाम मेंहदी बना कर पेश किया गया और अब शकील पुत्र हनीफ, जोकि औरंगाबाद से शकील्यत का मिशन चला रहा झूठा नबी (हजरत ईसा मसीह और ईमाम मेंहदी) बना कर पेश किया जा रहा है। यह मिशन मुसलमानों के अंदर पूरे षडयन्त्र के साथ चलाया जा रहा है भोले भाले और कम पढ़े लिखे मुस्लिम नौजवान इनके निशाने पर है और लालचवश और दूसरे तारीकों से उनको सम्मोहित कर उनके अकीदे को बदल दिया जाता है कि शकील पुत्र हनीफ, एक आदमी दोनो (हज़रत ईसा मसीह और ईमाम मेंहदी) हैं इस अकीदे से उनका ईमान सल्फ हो जाता हैं। सही मायनो में यह इर्तेदाद की ही एक शक्ल है। इस षड्यंत्र को आसान लफ्जों में समझाने के लिए निम्न तथ्यों का उल्लेख किया गया है ताकि मुस्लिम उम्माह इन जालीमो के मकर ओ फरेब से बच सके।

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