साइबर ठगों ने ठगी का नया तरीका खोज लिया है, हो जाएं सावधान दिल्ली पुलिस का अफसर बनकर साइबर ठगों ने रांची के प्रोफेसर से 1.78 करोड़ रुपए उड़ा ली.

प्रोफेसर ने बताया कि साइबर अपराधियों ने एक तरह से उन्हें सम्मोहित कर लिया था..


स्कैमर्स लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. ऐसा ही एक तरीका पार्सल स्कैम का है. हालांकि, साइबर क्रिमिनल्स अपने अपराध के तरीकों में थोड़ा बहुत फेरबदल करते रहते हैं, दिल्ली पुलिस का अफसर बनकर एक साइबर फ्रॉड ने रांची के एक प्रतिष्ठित संस्थान के प्रोफेसर को व्हाट्सऐप कॉल किया. कहा आपने मनी लाउंड्रिंग की है. आपके खिलाफ पुख्ता सबूत है. अब आपकी गिरफ्तारी तय है. इससे बचना चाहते हैं, तो जैसा बोल रहा हूं, वैसा करें, प्रोफेसर ने बताया कि साइबर अपराधियों ने एक तरह से उन्हें सम्मोहित कर लिया था, जिसकी वजह से वह उनकी चाल में फंसते चले गए. साइबर अपराधी ने उनसे कहा था कि करोड़ों का घोटाला हुआ है, उसमें से एक तिहाई रकम अगर बैंक में जमा करवा देते हैं तो उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग का आरोपी नहीं बनाया जाएगा.


साइबर अपराधियों ने दिल्ली पुलिस का अफसर बन कर प्रोफेसर को ठगा..


एक नामी और प्रतिष्ठित कॉलेज के प्रोफेसर से साइबर ठगों ने बड़ी ठगी को अंजाम दिया है. साइबर अपराधियों ने दिल्ली पुलिस का अफसर बन कर प्रोफेसर को व्हाट्सएप कॉल के जरिये मनी लाउंड्रिंग का आरोपी बताते हुए उनकी गिरफ्तारी की बात कह डिजिटल अरेस्ट कर लिया. फर्जी पुलिस वालों को असली समझ प्रोफेसर ने साइबर अपराधियो को एक करोड़ 78 लाख रुपये दे दिए,फिर करीब एक माह तक बैंक जाकर अपने अलग-अलग अकाउंट से साइबर फ्रॉड के अलग-अलग खातों में कुल 1.78 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिया. एक दिन अखबार में साइबर फ्रॉड की खबर पढ़ने के बाद इन्हें पता चला कि फोन कर जांच एजेंसियों के अधिकारी बनकर साइबर फ्रॉड लोगों की गाढ़ी कमाई लूट ले रहे हैं, जब इस मामले की भनक प्रोफेसर को लगी तब जाकर साइबर थाने में दर्ज कराई प्राथमिकी इसके बाद इन्हें पता चला कि वे भी साइबर फ्रॉड के शिकार हो गये. इससे वे गंभीर सदमे में हैं. इस तरह के साइबर फ्रॉड को डिजिटल अरेस्ट कहा जाता है. इस मामले में प्रोफेसर रांची के सीआईडी की साइबर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है. इस मामले के तार भी चीन से जुड़ गये हैं.


यकीन दिलाने के लिए वे व्हाट्सऐप की डीपी में अधिकारियों की तसवीर व विभाग का Logo लगाकर रखते हैं..


बता दे, साइबर ठगों के चक्कर में कई लोग हो चुके हैं ठगी का शिकार, साइबर अपराधी सीबीआई, दिल्ली पुलिस व ट्राई के बड़े अफसर बनकर लोगों को व्हाट्सऐप कॉल करते हैं. सामनेवाले को यकीन दिलाने के लिए वे व्हाट्सऐप की डीपी में अधिकारियों की तसवीर व विभाग का Logo लगाकर रखते हैं. साइबर अपराधी कॉल रिसीव करनेवाले को गंभीर मामला दर्ज होने और वारंट निकलने की धमकी देते हैं, साइबर फ्रॉड का मामला लगातार बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में साइबर फ्रॉड के चक्कर में बड़े-बड़े अधिकारी भी झांसे में आ रहे हैं. हाल ही में भागलपुर से आधा दर्जन से अधिक साइबर फ्रॉड से जुड़ा मामला सामने आया है. कुछ में एफआईआर दर्ज होता है, तो कुछ में एफआईआर तक भी दर्ज नहीं हो पाता है. साइबर ठगी करने वाला पहले तरह-तरह का प्रलोभन देता है, फिर चंगुल में फंसाकर साइबर ठगी का शिकार बना देता है,अगर आप साइबर फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं तो आप पुलिस को तुरंत सूचित करें, ताकि आपके पैसे तुरंत वापस आ जाएं,आप तुरंत इसकी सूचना 1930 पर दें और कंप्लेन दर्ज कराएं!
रिपोर्ट:-अमित कुमार सिन्हा

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