मुसलमान कुर्बानी करते समय सरकारी आदेशों का पूर्णतः पालन करें
और प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी न करें
कुर्बानी के जानवर की कोई तस्वीर सोशल मीडीया पर शेयर न करें। मौलाना अरशद मदनी
ईदुल अज़हा के अवसर पर भारतीय मुसलमानों के नाम अपने एक संदेश में जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि इस्लाम में कुर्बानी का कोई विकल्प नहीं है। यह एक धार्मिक कर्तव्य है, जिसका पालन करना हर क्षमता रखने वाले मुसलमान पर अनिवार्य है, इस लिए जिस व्यक्ति पर कुर्बानी अनिवार्य है उसे हर हाल में इस कर्तव्य को निभाना है। उन्होंने कहा कि पर्तमान परिस्थ्तियों को देखते हुए आवश्यक है कि मुसलमान स्वयं सावधानी से काम लें। प्रचार विशेष रूप से सोशल मीडीया पर कुर्बानी के जानवरों की तस्वीरें आदि शेयर न करें। मौलाना मदनी ने यह भी सुझाव दिया कि मुसलमान कुर्बानी करते समय सरकारी आदेशों का पूर्णतः पालन करें। प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी से बचें और चूंकि मज़हब में इसके बदले काले जानवर की कुर्बानी जायज़ है इस लिए किसी भी उपद्रव से बचने के लिए इसी को प्रयाप्त समझा जाना बेहतर है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी जगह उपद्रवी काले जानवर की कुर्बानी से भी रोकते हैं तो समझदार और प्रभावशाली लोगों द्वारा स्थानीय प्रशासन को भरोसे में लेकर कुरर्बानी की जाए। अगर फिर भी खुदा न करे इस धार्मिक कर्तव्य को निभाने का कोई रास्ता न निकले तो जिस निकटतम आबादी में कोई परेशानी न हो वहां कुर्बानी करा दी जाए। परन्तु जिस जगह कुर्बानी होती आई है और फिलहाल परेशानी है वहां कम से कम बकरे की कुर्बानी अवश्य की जाए और प्रशासन के कार्यालय में इसको दर्ज भी करा दिया जाए ताकि भविष्य में कोई परेशान न हो। उन्होंने देश के मुसलमानों को ईदुल अज़हा के अवसर पर स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने का सुझाव देते हुए कहा कि जानवरों के अवशेषों को सड़कों, गलियों और नालों में न डालें बल्कि अवशेषों को इस तरह दफ्न कर दिया जाए कि इससे बदबू न फैले। मौलाना मदनी ने यह भी कहा कि हर संभव प्रयास किया जाए कि हमारे काम से किसी को तकलीफ़ न पहुंचे। सांप्रदायिक तत्वों की ओर से किसी प्रकार के उपद्रव पर संयम और धैर्य से काम लेते हुए मामले की शिकायत स्थानीय थाने में अवश्य दर्ज कराई जानी चाहिए।
कुर्बानी करते समय सरकारी आदेशों का करें पालन! तस्वीर सोशल मीडिया पर ना करें शेयर_मौलाना मदनी
