यह चीन है कि मानता नहीं,भारत ने किया ड्रैगन के सभी दावों को खारिज अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा था है और हमेशा रहेगा, चीन के सभी दावों को विदेश मंत्रालय ने बताया बेतुका

बताते चलें, विदेश मंत्रालय ने कहा कि ‘चीन की तरफ से बार-बार आधारहीन तर्क दिए जा रहे हैं, ऐसे में अरुणाचल प्रदेश, भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा,’ भारत सरकार ने अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन के दावों को खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि चीन के सभी दावे बेतुके हैं। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला…

चीन अपने दामिन कार्यों नीतियों को लेकर बाज नहीं आता, हमेशा झूठ राग अलापना ड्रैगन का दिनचर्या बन गया है, अरुणाचल प्रदेश के लेकर चीन के बेतुके बयान को भारत ने एक सिरे से खारिज कर दिया है। भारत ने चीन के सभी दावों को आधारहीन बताते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा था है और रहेगा। यहां रहने वाले लोगों को भारत के विकास का लाभ मिलेगा।
अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावे को आधारहीन बताया है। भारत ने कहा है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और रहेगा। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे लेकर आधिकारिक बयान जारी किया है और कहा है कि भारत की विकास यात्रा का लाभ अरुणाचल प्रदेश के लोगों को मिलता रहेगा।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि हमने अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन के दावे को नोटिस किया है। इस मामले में चीन के दावों का कोई भी आधार नहीं हैं। चीन की तरफ से बार- बार आधारहीन तर्क दिए जा रहा हैं। रणधीर जायसवाल ने आगे कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा। यहां के लोगों को विकास की परियोजनाओं का लाभ भी मिलता रहेगा।

दरअसल चीनी सेना ने एक दावा किया है जिसमें उन्होंने अरुणाचल प्रदेश चीन के क्षेत्र का स्वाभाविक हिस्सा बताया था। उसके बाद चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल झांग जियाओगांग ने कहा था जिजांग (तिब्बत का चीनी नाम) का दक्षिणी भाग चीन के भूभाग का एक अंतर्निहित हिस्सा है। चीन भारत के कथित अरुणाचल प्रदेश को कभी स्वीकार नहीं करेगा। चीनी सेना और उनके रक्षा मंत्रालय को भारतीय विदेश मंत्रालय ने करारा जवाब दिया है।

नेताओं के दौरे पर हमेशा चीन जताता रहा आपत्ति
इसी महीने पीएम मोदी ने अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया था। उस दौरान उन्होंने 9 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेला सुरंग को देश को समर्पित किया था। बता दें कि ये सुरंग अरुणाचल प्रदेश में 13 हजार फीट की ऊंचाई पर बनाई गई है। इस सुरंग के बन जाने से आम लोगों के साथ ही भारतीय सेना को भी काफी फायदा होगा ।बता दें कि चीन हमेशा से अरुणाचल प्रदेश पर दक्षिणी तिब्बत के रूप में अपना दावा करता आ रहा है। इसलिए वो हमेशा भारतीय नेताओं के दौरों पर आपत्ति जताता रहता है। हाल ही में पीएम मोदी ने सेला टनल का उद्घाटन किया है। 825 करोड़ की लागत वाले इस प्रोजेक्ट को बीआरओ ने तैयार किया है। यह दुनिया की सबसे लंबी दोहरी लेन वाली सुरंग है। यह करीब 13 हजार फीट की ऊंचाई पर है। इस टनल का सबसे बड़ा फायदा यह रहेगा कि तंवाग सेक्टर में एलएसी पर जवानों को आसानी से हथियार मुहैया कराए जा सकेगें। इसके बाद ही चीन ने अरुणाचल को लेकर बयान दिया था।
रिपोर्ट:-अमित कुमार सिन्हा (रांची)

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