3 फरवरी 2024 को अस्मिता थिएटर ग्रुप द्वारा सन 22 का ‘ कारवां -ए – हबीब’ का सम्मान साहित्यकार , कवि अशोक वाजपेयी द्वारा प्राप्त हुआ । त्रिवेणी कला संगम का प्रेक्षागृह भरा हुआ था । दिल्ली के लगभग सारे चर्चित रंगकर्मी उपस्थित थे । मंच पर देश के विख्यात एक्टिविस्ट और रंग निर्देशक प्रसन्ना , कवि अशोक वाजपेयी , देवेंद्र राज अंकुर, अमिताभ श्रीवास्तव । संचालन स्वयं अरविंद गौड़ कर रहे थे ।
कार्यक्रम का प्रारंभ काके के गानों से हुई । काके एक ऐसे कलाकार है जो आगरा बाजार नाटक से प्रारंभिक दौर से जुड़े है हैं । आज भी यह नाटक जहां भी होता है , जरूर करने जाते हैं ।
इसी दिन रामगोपाल बजाज और भानु भारती को भी सन 21 और 23 का कारवां ए हबीब को भी देना था, लेकिन उनकी अनुपस्थिति में अरविंद गौड़ ने यह सम्मान स्वीकार लिया ।
मैं ने हबीब तनवीर के साथ कभी रंगकर्म तो नहीं किया लेकिन जिस तरह का का रंगमंच कर रहा हूँ, वह वैचारिक रूप से उन्हीं के अनुरूप है । हबीब साहब रंगकर्म करते कभी सत्ता से नहीं डरे, न फासीवादी ताकतों से हर मानी । बाबरी मस्जिद के टूटने के बाद जब मुख्यधारा का रंग बदलने लगा था, हबीब
कारवां – ए – हबीब में शामिल होने का मतलब…
