पटना: शाह और नीतीश की पहली मुलाकात महागठबंधन सरकार बनने के बाद… पटना में अंतरराष्ट्रीय सीमा सुरक्षा विशेष राज्य का दर्जा सहित इन मुद्दों पर होगी चर्चा


सूत्रों की माने, पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक पटना में होने जा रही है। इसकी मेजबानी बिहार सरकार कर रही है। गृह मंत्री अमित शाह पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस मीटिंग के दौरान नीतीश कुमार और अमित शाह एक साथ नजर आएंगे। इसे राजनीतिक गलियारे में बिहार की धरती पर 10 दिसंबर को दो ध्रुवों का मिलन बताया जा रहा है। जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जगह बंगाल की वित्त राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जगह वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव बैठक में शामिल होंगे। इसके अलावा ओडिशा के नवीन पटनायक की जगह प्रतिनिधि मंत्री के बैठक में शामिल होने की सूचना है। केंद्र सरकार के अलावा बिहार बंगाल ओडिशा और झारखंड के मुख्य सचिव व अन्य अधिकारियों का दल भी बैठक में शामिल होगा. यह अहम बैठक मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में होगी।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में पटना में रविवार को होने वाली पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक में बंगाल, ओडिशा और झारखंड के मुख्यमंत्री शामिल नहीं होंगे। मेजबान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बतौर उपाध्यक्ष बैठक में शामिल होंगे। पूर्वी राज्यों के साझा विकास के लिए होने वाली यह अहम बैठक मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में होगी।

बैठक में हिस्सा लेने के लिए अमित शाह दोपहर करीब एक बजे पटना एयरपोर्ट पहुंचेंगे। इसको लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पड़ोसी राज्यों के प्रतिनिधि मंत्री भी रविवार को पटना पहुंचेंगे। बैठक के लिए अधिकारियों के पहुंचने का सिलसिला शुक्रवार से शुरू हो गया है। विशेष राज्य, पेंशन विवाद और सीमा सुरक्षा का उठेगा मुद्दा..

बैठक का आयोजन गृह मंत्रालय के तहत अंतर-राज्य परिषद सचिवालय द्वारा बिहार सरकार के सहयोग से किया जा रहा है। पिछले साल 25वीं बैठक कोलकाता में हुई थी। इस बार की बैठक में बिहार सरकार विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग रख सकती है।

इसके अलावा नेपाल में प्रस्तावित कोसी हाई डैम का मुद्दा भी उठाया जाएगा। इसके अलावा केंद्र सरकार पूर्वी राज्यों से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा सुरक्षा पर भी चर्चा करेगा। बिहार और झारखंड बंटवारे के बाद से चल रहे पेंशन विवाद का मुद्दा भी एजेंडे में शामिल होने की चर्चा है। इसके अलावा सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली कठिनाइयों, ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग व्यवस्था, त्वरित जांच एवं फास्ट ट्रैक कोर्ट आदि विषयों पर भी विचार विमर्श होने की संभावना है। रिपोर्ट:- अमित कुमार सिन्हा (पटना)

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