मेरठ के गंगानगर एक्सटेंशन में बेसमेंट की खोदाई कर रहे तीन मजदूर दब गए। एक को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उसने दम तोड़ दिया, जबकि दो की मौके पर ही मौत हो गई।
मेरठ के गंगानगर के यू पॉकेट में ढांग गिरने के बाद राहत कार्य में देरी के कारण भी दबे मजदूरों की जिंदगी बचाना मुश्किल हो गया। पहले तो क्रिकेट खेल रहे युवक ही मिट्टी हटाने में लगे रहे।
सूचना पर पुलिस-दमकल कर्मियों की टीम आधा घंटा देरी से पहुंची। जेसीबी लाई गई, मगर उसका प्रयोग इसलिए नहीं किया गया कि कहीं मजदूरों को इससे उलटा कोई नुकसान न पहुंच जाए। ऐसे में फावड़े से ही मिट्टी हटाने का काम धीमी गति से चलता रहा। राहत कार्य में सवा दो घंटे का समय लग गया। यहां मौजूद साथी मजदूर और अन्य लोग भी बेबस रहे।
सुबह 11:45 बजे घटना हुई। पहला मजदूर रामचंद्र घायल अवस्था में दोपहर 12:30 बजे निकाला जा सका। हालांकि बाद में उसकी मौत हो गई। दोपहर 12:45 बजे राम प्रवेश मृत अवस्था में निकाला गया। आखिर में गुरु प्रसाद को दोपहर बाद 2:08 बजे पुलिस और दमकलकर्मियों ने निकाला। सीएफओ संतोष कुमार राय ने कहा कि राहत कार्य में मजदूरों को बचाने के लिए कड़ी मशक्कत की गई, मगर उन्हें बचाया नहीं जा सका।
भाई की मौत पर फफक पड़ा अनिल
भाई राम प्रवेश की मौत का पता चलते ही यहां मौजूद उसका भाई अनिल राव फफक पड़ा। इससे पहले मजदूर के निकलने तक वह भाई को बचाने की गुहार लगाता रहा। अनिल ने बताया कि एक दिन पहले ही उसका भाई मेरठ आया था। अनिल खुद भी रविवार को काम करने के लिए आया था। जैसे ही भाई की मौत की खबर फोन पर परिजनों को दी वे बिलख पड़े।
पहले गिरती ढांग तो और बड़ा होता हादसा
ढांग गिरने से पहले मजदूरों ने साथ बैठकर आपस में बातचीत की। यदि थोड़ी देर पहले ढांग गिर जाती तो सातों मजदूरों की जान जा सकती थी। घटना से पहले सभी मजदूर साथ काम कर रहे थे। हादसे में जिन मजदूरों की जान बची, वह भी घटना के बाद से काफी देर तक दहशत में दिखे।