संभल : जिंदगी की आस में शव लेकर दौड़ते रहे परिजन , लाश को लेकर 200 दूर तक गए….

संभल के गांव सिंघौला दौलत सिंह निवासी पुष्पेंद्र (28) को बुधवार की रात सांप ने डस लिया। परिजनों ने पहले झाड़ फूक कराई और बाद में जिला अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उसकी मौत हो चुकी थी। अंतिम संस्कार से कुछ देर पहले रिश्तेदार के कहने पर परिजन जिंदगी की आस में युवक को 200 किलोमीटर तक लेकर गए।

24 घंटे बाद शव से दुर्गंध उठने पर गांव वापस लौटे और शुक्रवार की सुबह अंतिम संस्कार किया। रजपुरा थाना क्षेत्र के गांव सिंघौला दौलत सिंह निवासी पुष्पेंद्र ) पुत्र रोशन सिंह को बुधवार की रात दस बजे खेत पर सिंचाई करते समय सांप ने डस लिया था। परिजन डॉक्टर को दिखाने के जगह झाड़ फूक के चक्कर में पड़ गए।


जब ओझा ने हाथ खड़े कर दिए तो परिजन उसे सीएचसी लेकर पहुंचे। जहां से डॉक्टरों ने हालत गंभीर होने पर जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। परिजन उसे जिला अस्पताल ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में पुष्पेंद्र ने दम तोड़ दिया। मृतक के परिजन बृहस्पतिवार की शाम पांच बजे शव के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे।


तभी किसी रिश्तेदार ने गजरौला में झाड़फूक से जीवित होने की बात कही। परिजन बेटे की जिंदगी की आस में तुरंत 60 किलोमीटर दूर गजरौला पहुंच गए, लेकिन वहां पर उपचार से मना कर दिया गया। इसके बाद परिजन किसी के बताने पर गजरौला से 100 किलोमीटर दूर बदायूं जिले के इस्लामनगर पहुंचे।

वहां पर भी मृत होने की पुष्टि की। मौत को ज्यादा समय होने के चलते शव से दुर्गंध उठने लगी तो परिजन निराश होकर घर लौट आए। शुक्रवार की सुबह परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार किया। मृतक के परिवार में पत्नी ममता के अलावा तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं।

सर्पदंश के मामले में उपचार कराना ही बेहतर विकल्प

जिला अस्पताल के सीएमएस डा. अनूप अग्रवाल ने बताया कि सर्प डस ले तो उपचार जल्दी कराना चाहिए। इससे जीवन बच जाता है। ऐसे काफी मामले आते हैं जिनको उपचार मिलने पर बचाया जा सका है। झाड फूंक के चक्कर में पड़ने से ही जिंदगी के लिए खतरा होता है।झाड़ फूक के चक्कर में कई लोगों की जान जा चुकी है। इसके बचाव के लिए तत्काल डॉक्टरों द्वारा इलाज करना चाहिए।

जिला सर्विलांस अधिकारी डाॅ. मनोज चौधरी ने बताया कि सर्पदंश से युवक की मौत हो गई थी। इसकी जानकारी मिली है। उपचार में देरी हो सकती है। जिला अस्पताल तक युवक पहुंचा नहीं था। सर्प के डसने पर तत्काल उपचार कराना चाहिए। किसी झाड फूंक के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए। इससे जीवन को खतरा होता है।

Share
Now