दून की सड़को से निराश्रित पशुओं को हटाने के लिए नगर निगम ने चलाया अभियान…


शहर की सड़को को स्वच्छन्द विचरण करने वाले निराश्रित पशुओं से मुक्त करने के लिए नगर आयुक्त श्री मनुज गोयल ने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं।


इसके पश्चात नगर निगम के वरिष्ठ पशुचिकित्सा अधिकारी ने शहर से निराश्रित पशुओं को पकड़ने हेतु 2 टीमें बनायी है। इन टीमों द्वारा शहर की सड़को से निराश्रित पशुओं को पकड़कर देहरादून की मान्यता प्राप्त गौशालाओं में, गौशालाओं में उनकी रिक्त क्षमताओं के अनुसार छोड़ा जायेगा। यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।


वर्तमान में नगर निगम के पास गौसदनों की स्थिति
वर्तमान में नगर निगम के पास 300 गौवंशीय पशुओं की क्षमता का कांजीहाउस केदारपुर तथा 300 गौवंशीय पशुओं की क्षमता का गौसदन शंकरपुर में है।

जहां पर क्षमता से अधिक पशु है तथा इनका संचालन इसी माह से शासन द्वारा निर्धारित आदर्श मानक प्रक्रिया (SOP) के तहत मान्यता प्राप्त संस्थाओं से कराया जा रहा है।


नियम—-

उत्तराखण्ड गोवंश संरक्षण अधिनियम 2007 यथा संशोधित अधिनियम 2015 की धारा-8 के तह्त अपने पशुओं को सड़को पर खुला छोडना दण्डनीय अपराध है।
पशुक्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के धारा-11 के तहत भी पशुओं को परित्यक्त करना पशुओं के प्रति क्रूरता है।


साथ ही नगर आयुक्त ने शहर के सभी पशुपालकों से अपने पशुओं को सड़क पर नही छोडने की अपील की है।

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