जी-20 के शिखर सम्मेलन में पहली बार भारत की हजारों साल पुरानी कला, संस्कृति, शिल्प, विरासत, परंपरा, धरोहर से रूबरू होगी।
भारत मंडपम में मिनी भारत का प्रतिनिधित्व करता शिल्प बाजार सज गया है। विदेशी मेहमानों को भारत की पारंपरिक कला और संस्कृति की झलक के साथ यहां प्रौद्योगिकी व तकनीक का बेजोड़ मेल लुभाएगा।
उत्तर प्रदेश से भगवान श्रीराम’ और मुरादाबाद की पीतल की नक्काशी–
उत्तर प्रदेश पवेलियन में विदेशी मेहमानों को अयोध्या नगरी में ‘भगवान श्रीराम’ के साथ मुरादाबाद की नक्काशी से रूबरू होने का मौका मिलेगा। यहां पर भगवान श्रीराम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की बेहद ही खूबसूरत झांकी दिखेंगी।
हिमाचल से पांच हजार साल पुरानी ‘कुल्लू शाल’ और देवता–
देवभूमि और पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश चार महीने से अब तक की सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा को झेलते हुए विदेशी मेहमानों के स्वागत के लिए जी- 20 शिखर सम्मेलन में स्वागत के लिए पहुंच गया है। यहां 16वीं शताब्दी के ‘चंबा रूमाल’ और चप्पलों को देखने और खरीदने का मौका है।
पंजाब से चटख रेशमी धागे से तैयार फुलकारी और जूती है खास–
पंजाब पवेलियन में विदेशी मेहमानों को विश्व प्रसिद्ध फुलकारी को बनाने की कला से लाइव रूबरू होने का मौका मिलेगा। यहां पर 67 वर्षीय पद्मश्री अवार्डी लाजवंती फुलकारी पर लाइव डेमो के दौरान बनाकर दिखाएंगी।
हरियाणा से सिंधु-सरस्वती सम्यता से जुड़े मिट्टी के बर्तन–
हरियाणा पवेलियन में हरियाणा के हिसार स्थित राखीगढ़ी में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की खुदाई के दौरान मिले ‘सिंधु-सरस्वती’ सभ्यता से मिलते-जुलते मिट्टी के बर्तनों को दर्शाया गया है।
उत्तराखंड से भगवान केदारनाथ-बद्रीनाथ और कुमाऊंनी दुल्हन का दीदार—
देवभूमि और पहाड़ी राज्य उत्तराखंड पवेलियन में विदेशी मेहमान भगवान केदारनाथ-बद्रीनाथ के दर्शन करेंगे। इसके अलावा उन्हें पहाड़ी दुल्हन के रूप में कुमाऊंनी दुल्हन देखने को मिलेगी।
पारंपरिक वेशभूषा में तैयार कुमाऊंनी दुल्हन उत्तराखंड की पहाड़ी संस्कृति, कला को खूबसूरती से पेश की रही हैं। इसके अलावा पहाड़ी मसालों से तैयार चाय भी खास है।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से पशमीना की पेशकश
विदेशी मेहमानों को केंद्र शासित प्रदेशों में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख बेहद भाने वाला है। यहां कला, संस्कृति के साथ-साथ याक की ऊन से तैयार शुद्ध पशमीना को शो केस किया गया है।