RBI का सभी बैंकों को निर्देश अडानी ग्रुप को दिए गए लोन…

अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने बड़ा कदम उठाया है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश की सभी बैंकों को निर्देश जारी कर अडानी ग्रुप को दिए गए लोन की जानकारी मांगी है.

दरअसल, अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग ने हाल ही में अडानी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर मार्केट में हेरफेर और अकाउंट में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है. हालांकि, गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप ने आरोपों को निराधार और भ्रामक बताया था. उन्होंने दावा किया कि इस रिपोर्ट में जनता को गुमराह किया गया.

अडानी ग्रुप ने FPO वापस लिया

हिंडनबर्ग रिपोर्ट और शेयरों में भारी गिरावट के बीच अडानी ग्रुप ने अपना FPO रद्द कर दिया था. अडानी ग्रुप की ओर से कहा गया था कि मार्केट में उतार-चढ़ाव को देखते हुए कंपनी के बोर्ड ने FPO को रद्द करने का फैसला लिया है. कंपनी का उद्देश्य अपने निवेशकों के हितों का रक्षा करना है. इसलिए हम FPO से प्राप्त रकम को हम वापस करने जा रहे हैं और इससे जुड़े लेन-देन को खत्म कर रहे हैं. 20,000 करोड़ रुपये के लिए ये FPO 27 जनवरी को सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था और 31 जनवरी को फुल सब्सक्राइब होकर क्लोज हुआ था.

क्या होता है FPO?

ये समझना जरूरी है कि फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) होता क्या है? दरअसल, किसी कंपनी के लिए पैसे जुटाने का एक तरीका होता है. जो कंपनी पहले से शेयर मार्केट में लिस्टेड होती है, वो इन्वेस्टर्स के लिए नए शेयर ऑफर करती है. ये शेयर बाजार में मौजूद शेयरों से अलग होते हैं.

अडानी ने बताया- क्यों बंद किया FPO?

गौतम अडानी ने गुरुवार को खुद सामने आकर निवेशकों को FPO को वापस लेने की वजह बताई. उन्होंने कहा कि शेयर बाजार में हलचल और मार्केट में उठापटक को देखते हुए कंपनी का उद्देश्य अपने निवेशकों के हितों की रक्षा करना है. इसलिए हम FPO से प्राप्त रकम को हम वापस करने जा रहे हैं और इससे जुड़े लेन-देन को खत्म कर रहे हैं. गौतम अडानी ने कहा कि मेरे लिए मेरे निवेशकों का हित सर्वोपरि है. इसलिए निवेशकों को संभावित नुकसान से बचाने के लिए हमने एफपीओ वापस ले लिया है. इस निर्णय का हमारे मौजूदा परिचालनों और भविष्य की योजनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

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