नेपाल मे आया भूकंप भारत-चीन भी हिले! क्या होता है भूकंप, कैसे आता है… क्या होती है इसकी वजह?

नेपाल में भूकंप आया. भारत और चीन भी हिल गए. इस साल भारत में 948 भूकंप आए. लेकिन क्या आपको पता है कि भूकंप कैसे आता है? इसके पीछे की क्या वजह है? ये कब आता है, क्यों आता है. ये है क्या बला? इससे क्या नुकसान होता है. ये कितनी ताकतवर हो सकता है.

हमारी पृथ्वी प्रमुख तौर पर चार परतों से बनी है. यानी इनर कोर (Inner Core), आउटर कोर (Outer Core), मैंटल (Mantle) और क्रस्ट (Crust). क्रस्ट सबसे ऊपरी परत होती है. इसके बाद होता है मैंटल. ये दोनों मिलकर बनाते हैं लीथोस्फेयर (Lithosphere). लीथोस्फेयर की मोटाई 50 किलोमीटर है. जो अलग-अलग परतों वाली प्लेटों से मिलकर बनी है. जिसे टेक्टोनिक प्लेट्स (Tectonic Plates) कहते हैं. 

धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं. ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं. जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं. रगड़ती हैं. एकदूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर जाती हैं, तब जमीन हिलने लगती है. इसे ही भूकंप कहते हैं. भूकंप को नापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल करते हैं. जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल कहते हैं. 

रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल 1 से 9 तक होती है. भूकंप की तीव्रता को उसके केंद्र यानी एपीसेंटर से नापा जाता है. यानी उस केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा को इसी स्केल पर मापा जाता है. 1 यानी कम तीव्रता की ऊर्जा निकल रही है. 9 यानी सबसे ज्यादा. बेहद भयावह और तबाही वाली लहर. ये दूर जाते-जाते कमजोर होती जाती हैं. अगर रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7 दिखती है तो उसके आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में तेज झटका होता है. 

3800 साल पहले आया था दुनिया का सबसे भयावह भूकंप

वैज्ञानिकों को मानव इतिहास के अब तक के सबसे बड़े भूकंप के बारे में पता चला है. चिली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डिएगो सालाजार ने इस बारे में रिसर्च किया. इस भयानक भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 9.5 थी. इस भूकंप से 8000 किलोमीटर तक सुनामी आई थी. उस समय धरती पर रह रहे इंसानों 1000 साल तक आसपास के समुद्र तटों को छोड़ना पड़ा था. यह भूकंप 3800 साल पहले आया था. जहां ये आया था, उसे अब उत्तरी चिली कहा जाता है. एक टेक्टोनिक प्लेट के टूटने की वजह से इस इलाके की तटरेखा (Coastline) ऊपर उठ गई थी. भूकंप की वजह से सुनामी की 66 फीट लंबी लहरें उठी थीं. 

आधुनिक इतिहास का सबसे बड़ा भूकंप वाल्डिविया में आया था

अब तक, रिकॉर्ड किया गया सबसे बड़ा भूकंप 1960 में आया वाल्डिविया भूकंप (Valdivia earthquake) था. यह  9.4 से 9.6 के बीच की तीव्रता का था. इसने दक्षिणी चिली को हिलाकर रख दिया था. इस भूकंप में 6,000 लोग मारे गए थे. इसकी वजह से प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) में बार-बार सुनामी आई. वाल्डिविया भूकंप जिस टेक्टोनिक प्लेट के टूटने से आया, उसकी लंबाई 800 किमी थी. 

लगातार चीन की तरफ बढ़ रही है भारतीय टेक्टोनिक प्लेट

इंडियन टेक्टोनिक प्लेट हिमालय से लेकर अंटार्कटिक तक फैली है. यह पाकिस्तान बार्डर को सिर्फ छूती है. भूगोल के हिसाब से यह हिमालय के दक्षिण में है. जबकि यूरेशियन प्लेट हिमालय के उत्तर में है. इंडियन प्लेट उत्तर-पूर्व दिशा में यूरेशियन प्लेट की तरफ यानी चीन की तरफ लगातार बढ़ रही है. अगर ये प्लेट टकराती हैं तो भूकंप का केंद्र भारत में होगा. जिससे बड़ी तबाही होगी. 

भूकंप चार प्रकार के होते हैं… जानिए कौन-कौन से

भूकंपों के तीन प्रकार होते हैं. पहला इंड्यूस्ड अर्थक्वेक (Induced Earthquake) यानी ऐसे भूकंप जो इंसानी गतिविधियों की वजह से पैदा होते हैं. जैसे सुरंगों को खोदना, किसी जलस्रोत को भरना या फिर किसी तरह के बड़े भौगोलिक या जियोथर्मल प्रोजेक्ट्स को बनाना. बांधों के निर्माण की वजह से भी भूकंप आते हैं. 

दूसरा होता है वॉल्कैनिक अर्थक्वेक (Volcanic Earthquake) यानी वो भूकंप जो किसी ज्वालामुखी के फटने से पहले, फटते समय या फटने के बाद आते हैं. ये भूकंप गर्म लावा के निकलने और सतह के नीचे उनके बहने की वजह से आते हैं. तीसरा होता है कोलैप्स अर्थक्वेक (Collapse Earthquake) यानी छोटे भूकंप के झटके जो जमीन के अंदर मौजूद गुफाओं और सुरंगों के टूटने से बनते हैं. जमीन के अंदर होने वाले छोटे विस्फोटों की वजह से भी ये आते हैं.

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