मुजफ्फरनगर 2013 कवाल कांड में बीजेपी विधायक दोषी करार सजा का भी हुआ एलान..

साल 2013 में मुजफ्फरनगर के कवाल गांव में दंगा हुआ था

छोटी सी घटना से शुरू झड़प सांप्रदायिक दंगों में बदल गई

इन दंगों में करीब 50 हजार लोग बेघर होकर रिफ्यूजी बने थे

मुजफ्फरनगर: साल 2013 में मुजफ्फरनगर (muzaffarnagar riots) के कवाल में हुए दंगे (kawal riots) के दौरान उपद्रव और सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में विधायक विक्रम सैनी (bjp mla vikram saini) समेत 12 आरोपियों को दो-दो साल की सजा सुनाई है। वहीं सभी पर 10-10 हजार का जुर्माना भी लगाया है। मामले में 15 अन्य आरोपी साक्ष्य के अभाव में बरी हो गए हैं। चूंकि सजा 3 साल से कम थी इसलिए विक्रम सैनी को कोर्ट से जमानत भी मिल गई।
साल 2013 में कवाल गांव में ममेरे भाई गौरव और सचिन की 27 अगस्त 2013 को हत्या कर दी गई थी। इसके बाद 28 अगस्त 2013 को गांव में हिंसा भड़की भी। हवाई फायरिंग हुई और तनाव का माहौल बन गया था। जानसठ थाने के तत्कालीन प्रभारी शैलेंद्र कुमार ने विक्रस सैनी समेत 27 लोगों को नामजद करते हुए गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।
इन दंगों ने पश्चिमी यूपी के सांप्रदायिक सौहार्द्र के ताने बाने को ऐसा छिन्‍न-भिन्‍न किया कि आज तक सबकुछ पहले की तरह सामान्‍य नहीं हो सका। यह दंगा यूपी के इतिहास के सबसे भयावह दंगों में से एक था। हालात हाथ से इतने बाहर चले गए थे कि प्रदेश सरकार की मशीनरी लगभग फेल हो गई और सेना की मदद से शांति व्‍यवस्‍था स्‍थापित हो पाई।

कवाल कांड के बाद भिड़े थे हिंदू-मुस्लिम
27 अगस्त 2013 को जानसठ थाना क्षेत्र के गांव कवाल में शाहनवाज की हत्या के बाद मलिकपुरा निवासी ममेरे भाईयों सचिन और गौरव की हत्या कर दी गई थी। जिससे गांव में तनाव फैल गया था। 28 अगस्त को सचिन और गौरव की अंत्येष्टि से लोटते लोगों ने कवाल में मारपीट और तोड़ फोड़ की थी। जिसके बाद कवाल में दोनों समुदाय के लोगों के बीच बहस हो गई थी।
तोड़फोड़, फायरिंग करते 9 हुए थे गिरफ्तार 15 फरार
जानसठ थाने के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि 29 अगस्त को वह गांव कवाल में गश्त पर थे। 12 बजे उन्हें गांव में मोहल्ला भूमिया के आसपास हिंदू और मुस्लिम पक्ष के बीच झगड़े की सूचना मिली। पुलिस ने मौके से 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था जबकि काफी लोग फरार हो गए थे। जिनमें 15 लोगों को नामजद किया गया था।
बलकटी के साथ पकड़े गए थे विधायक
तत्कालीन एसएचओ जानसठ शेलेन्द्र वर्मा ने हथियारों के साथ मौके से काफी गिरफ्तारी की थी। इनमें खतौली से भाजपा के मौजूदा विधायक विक्रम सैनी को बलकटी के साथ गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के अनुसार आरोपित धर्मवीर और सलेकचंद को एक-एक बल्लम, रविन्द्र को फरसा और नूर मोहम्मद को तलवार के साथ हिरासत में लिया गया था। जबकि रोहताश, सोनू, दीपक, प्रवीण को भी मौके से ही गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने एफआइआर में फारूख पर रायल से फायरिंग करना दिखाया था। पुलिस ने उक्त सहित 24 लोगों को नामजद आरोपित बनाया था।

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