पुलिस की मुस्तैदी से ईद से पहले अयोध्या में बड़ी साजिश नाकाम! मस्जिद के बाहर धर्म ग्रंथ और आपत्तिजनक फेंकने वाले गिरफ्तार……

अयोध्या में माहौल बिगाड़ने की साजिश रचने वाले गिरफ्तार आरोपियों ने बताया है कि वह दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई वारदात से आरोपी नाराज थे। उनके चार आरोपी अभी भी फरार हैं जिनकी तलाश जारी है

अयोध्या परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक कवीन्द्र प्रताप सिंह व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि मंगलवार की देर रात शहर के दो धर्मस्थलों व सड़क पर आपत्तिजनक पोस्टर, वस्तु और पवित्र ग्रंथ की प्रति डालकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई थी। वारदात को अंजाम देने वालों ने इसके लिए चार दिन पहले ही पूरी तैयारी कर ली थी। उन्होंने बताया कि सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि चार फरार हैं।

पुलिस महानिरीक्षक सिंह व एसएसपी पाण्डेय ने गुरुवार को पुलिस लाइंस सभाकक्ष में पत्रकारों को बताया कि वारदात में 11 व्यक्ति शामिल रहे। हालांकि चार बाइक से दो-दो की संख्या में कुल आठ आरोपियों ने वारदात को अंजाम दिया। उन्होंने बताया कि सात आरोपी नगर कोतवाली क्षेत्र निवासी महेश कुमार मिश्र, प्रत्युष श्रीवास्तव, नितिन कुमार, दीपक कुमार गौड़, बृजेश पाण्डेय, शत्रुघ्न प्रजापति व विमल पाण्डेय को छानबीन के बाद अरेस्ट कर लिया गया है। आरोपियों के पास से सफेद रंग की सात टोपी व मोबाइल फोन भी बरामद किया गया है। इस मामले में चार आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। पकड़े गए आरोपियों में महेश, नितिन व विमल पर पहले भी आपराधिक मामलों में केस दर्ज है।

जहांगीरपुरी की वारदात से थे नाराज

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पाण्डेय ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में प्रथम दृष्टया यह बात प्रकाश में आई है कि दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई वारदात से आरोपी नाराज थे। उन्होंने बताया कि वारदात के पीछे आरोपियों की मंशा शहर के अमन-चैन को बिगाड़ना था। जिससे आने वाले पर्व का आयोजन नहीं हो सके। फिलहाल आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

नम्बर प्लेट पर स्टिकर लगाया, चेहरा ढंका : एसएसपी

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि यह सोची समझी योजना थी। इसके लिए तैयारी की गई थी। चार दिन पहले ही आरोपियों ने योजना बनाई थी। अपनी पहचान छिपाने के लिए वारदात के वक्त न सिर्फ बाइक के नम्बर प्लेट पर स्टिकर लगाया, बल्कि चेहरा भी ढंका। उन्होंने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि महेश इस कार्य का साजिश कर्ता रहा। बृजेश के घर पर साजिश रची गई। फ्लैक्स व पम्पलेट लालबाग स्थित एक दुकान से खरीदा गया। प्रत्युष ने चौक से पवित्र ग्रंथ की दो प्रतियां खरीदी। राजा गली से टोपी खरीदी गई। आकाश ने आपत्तिजनक वस्तु उपलब्ध कराया। 26 की रात दस बजे सभी नाका स्थित एक ढाबे पर एकत्र हुए। खाना खाया। बृजेश के घर पहुंचकर आपत्तिजनक लेख तैयार किए गए।

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