- अमेरिकी आर्मी जाने की खुशी में तालिबानियों ने हवाई फायरिंग की और जश्न मनाया
- जितना उम्मीद थी उतने लोगों को नहीं निकाल सकी अमेरिकी फौज
- बाइडन ने कहा, अफगानिस्तान में खतरनाक जगहों पर सेवा के लिए अपनी फौज को धन्यवाद देना चाहता हूं
आखिरकार 20 साल के बाद अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान को छोड़ दिया। आखिरी विमान अमेरिकी कमांडर, राजदूत को लेकर उड़ गया। वहीं एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पेंटागन ने स्वीकार किया कि वह काबुल से उतने लोगों को नहीं निकाल सका, जितनी उम्मीद थी।
"US military has left Afghanistan," news agency AFP quotes Pentagon pic.twitter.com/bQtwc7x3Sf
— ANI (@ANI) August 30, 2021
अमेरिकी फौज के जाने के बाद काबुल एयरपोर्ट पर पूरी तरह से तालिबान का कब्जा हो गया। खुशी में तालिबानियों ने हवाई फायरिंग की और जश्न मनाया।
https://twitter.com/MuslimShirzad/status/1432447262047809546?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1432447262047809546%7Ctwgr%5E%7Ctwcon%5Es1_c10&ref_url=https%3A%2F%2Fjantaserishta.com%2Fworld%2Fend-of-military-operation-america-completely-pulled-out-its-army-from-afghanistan-taliban-celebrated-this-way-at-the-airport-video-997819
राष्ट्रपति जो बाइडन ने की अपनी फौज की तारीफ
सेना वापसी पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का बयान भी आया। उन्होंने कहा कि अब अफगानिस्तान में हमारी 20 साल की सैन्य उपस्थिति समाप्त हो गई है। मैं अपने कमांडरों को अफगानिस्तान में खतरनाक जगहों पर अपनी सेवा के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। आगे कहा कि जैसा कि 31 अगस्त, काबुल समय की सुबह के समय में निर्धारित किया गया था और इस मिशन में और किसी सैनिक की जान नहीं गई।
Now our 20-year military presence in Afghanistan has ended. I want to thank our commanders for their execution of the dangerous retrograde from Afghanistan as scheduled in early morning hours of Aug 31, Kabul time with no further loss of American lives: US President Joe Biden pic.twitter.com/3bsBcHwYPn
— ANI (@ANI) August 30, 2021
राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि पिछले 17 दिनों में हमारे सैनिकों ने अमेरिकी इतिहास में सबसे बड़े एयरलिफ्ट को अंजाम दिया है। करीब 120,000 से अधिक अमेरिकी नागरिकों, हमारे सहयोगियों और संयुक्त राज्य अमेरिका के अफगान सहयोगियों को निकाला है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में अफगानिस्तान को लेकर प्रस्ताव पर अपनी बात रखते हुए कहा कि प्रस्ताव एक स्पष्ट संदेश भेजता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय तालिबान से आगे बढ़ने पर क्या उम्मीद करता है, विशेष रूप से यात्रा की स्वतंत्रता।
यूएस जनरल केनेथ एफ मैकेंजी ने कहा किमैं अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के पूरा होने और अमेरिकी नागरिकों और अफगानों को निकालने के लिए सैन्य मिशन की समाप्ति की घोषणा करता हूं।
तालिबान ने की थी काबुल की पेशकश, अमेरिका ने ठुकरा दी
तालिबान ने अमेरिका को काबुल पर कब्जा पाने का एक मौका दिया था, लेकिन अमेरिकी सेना ने उसकी यह पेशकश ठुकरा दी। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने के बाद तालिबान लड़ाके बड़ी तेजी से अव्यवस्थित काबुल को कब्जे में लेने लगे। इस वजह से अमेरिकी सेनाधिकारियों को बैठक कर तालिबान के साथ एक समझौता करना पड़ा था।
रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक में तालिबान नेता अब्दुल गनी बरादर ने अमेरिकी सैनिकों से कहा था, काबुल के लिए हमारे पास दो विकल्प हैं। या तो आप काबुल की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाएं या हमें ऐसा करने के लिए छोड़ दें। अमेरिकी सेना ने राष्ट्रपति बाइडन के 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से निकल जाने के फैसले के कारण दूसरा विकल्प ही चुना।
इसके बाद ही तालिबान ने बड़ी तेजी और आसानी से काबुल पर कब्जा पा लिया। समझौते के तहत अमेरिका को अंतिम सैनिक की वापसी तक काबुल हवाईअड्डा सौंपा गया और शहर पर तालिबान के शासन को मंजूरी दी गई।
रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान का उस दिन काबुल पर कब्जा पाने का इरादा कतई नहीं था। गनी के देश छोड़ने के पहले तक अमेरिका ने भी इसका अंदाजा नहीं लगाया था कि गनी के साथ कई शीर्ष अधिकारी भी चले जाएंगे। तालिबान कमांडर मोहम्मद नासिर हक्कानी भी इस घटना से चकित थे। शहर में प्रवेश करने के बाद उन्होंने निर्देशों का इंतजार किया और बाद में एक घंटे के अंदर मुख्यालय पर कब्जा कर लिया।
इसके बाद हक्कानी ने कहा, वहां एक भी सैनिक या पुलिस अधिकारी नहीं मिला। हमारी खुशी का ठिकाना नहीं था। हमारे ज्यादातर लड़ाके खुशी से चिल्ला रहे थे। हमें अंदाजा नहीं था कि इतनी जल्दी हम काबुल पर कब्जा कर लेंगे।
तालिबान के हाथ में सत्ता आने के बाद ही आईएस-के के आतंकियों ने अमेरिकी सेना पर हमला कर 13 सैनिकों को मार दिया था। इसके बाद राष्ट्रपति बाइडन ने चेतावनी दी थी कि जल्द ही दूसरा हमला हो सकता है।