स्वास्थ्य पोषण और स्वच्छता पर पाँच दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न….

रिपोर्टर-राजेश पाण्डेय
पश्चिम चंपारण-बिहार
दिनांक-०2/०8/2०21

जीविका, जिला परियोजना समन्वयन इकाई पश्चिम चंपारण द्वारा स्वास्थ्य पोषण एवं स्वच्छता विषय पर दिनांक 28-7-2021 से 1-8-21 के बीच पाँच दिवसीय “प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण” आयोजन, पादरी दोसैया बेतिया मे किया गया। इस इस प्रशिक्षण में जिला के 11 प्रखंडों से मास्टर रिसोर्स पर्सन (एच एन एम आर पी) शामिल हुए। फ्लिप बुक एवं पीको प्रोजेक्टर के माध्यम से सुरक्षित गर्भावस्था और प्रसव की तैयारी, खतरों की पहचान और जीवन की सुरक्षा, नवजात शिशु की देखभाल और परिवार नियोजन आदि विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया।

प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों से ग्रुप वर्क और इन विषयों पर प्रतिभागियों से प्रस्तुतीकरण भी करवाया गया। राज्य स्तरीय साधन सेवी श्रीमती सुनीता कुमारी एवं जिला स्तरीय साधन सेवी मृत्युंजय कुमार द्वारा बताया गया कि सामुदायिक स्तर पर स्वास्थ्य एवं पोषण विषय की महत्ता काफी महत्वपूर्ण है। हम केवल अपने व्यवहार से छोटी-छोटी आदतों में बदलाव कर स्वास्थ्य की कई जरूरतों को पूरा कर सकते हैं ।

ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य एवं पोषण की जरूरतों को हर घर तक पहुंचा कर हम समुन्नत समाज की कल्पना कर सकते हैं। मॉड्यूल आधारित घटकों पर परिचर्चा करते हुए यह बताया गया कि इससे हमें स्वास्थ्य एवं पोषण की कई सूक्ष्म जानकारियों को एमआरपी तथा सी एन आर पी के माध्यम से जीविका मित्रों तक पहुचाने मे काफी आसानी होगी। जीविका दीदियों तथा समाज के हर तबके को जब स्वास्थ्य एवं पोषण की सही जानकारी होगी तभी हमारे घर और समाज मे खुशहाली आएगी।


इस अवसर पर प्रशिक्षुओं को बताया गया कि वे अपने प्रखंड में जाकर संकुल स्तर पर सभी जीविका मित्र को प्रशिक्षण दें तभी सीएम दीदी समूह और ग्राम संगठन में सरल भाषा मे ट्रेनिंग देने में सक्षम होगी। सत्र के अंतिम दिन प्रबंधक स्वास्थ्य पोषण एवं स्वच्छता सतीश कुमार ने बताया कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य समुदाय स्तर पर गर्भवती महिला, धात्री महिला एवं नवजात शिशु की देखभाल के प्रति जागरूकता फैलाना और सही खानपान एवं साफ सफाई से कुपोषण की दर को कम करना है।

प्रबंधक संचार साकिब इकबाल ने बताया कि प्रशिक्षण कार्य में एमआरपी के द्वारा पीको प्रोजेक्टर का प्रयोग किया जाए ताकि स्वास्थ्य एवं पोषण की छोटी-छोटी बारीकियों को फिल्म एवं अन्य दृश्य-श्रव्य सामग्रियों के द्वारा एक समझ विकसित किया जा सके।

इसके लिए सभी एमआरपी पीको प्रोजेक्टर की उपलब्धता के आधार पर ग्राम संगठन वार रोस्टर बनाकर समूह में इसका प्रयोग सुनिश्चित कर सकते हैं। यह जीविका दीदियों में स्वास्थ्य एवं पोषण के प्रति समझ एवं अभिरूचि विकसित करने में काफी मददगार साबित होगा।

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