हरिद्वार: कांवड़ यात्रा प्रतिबंधित, फिर भी गंगाजल लेने पहुंचे 100 से ..

कांवड़ यात्रा प्रतिबंधित होने के बावजूद भी गंगाजल लेने के लिए यात्रियों का आना लगातार जारी है।

सुबह 10 बजे तक 100 से अधिक कांवड़ लेने के लिए आए लोगों व अन्य यात्रियों को वापस लौटाया गया।

इन यात्रियों को जीआरपी ने शटल बसों व वापसी की ट्रेनों से टिकट कराने के बाद वापस भेजा।

रेलवे स्टेशन के निकास द्वार पर तैनात की गई पुलिस टीमें यात्रियों की आरटीपीसीआर रिपोर्ट देखने के बाद ही स्टेशन से बाहर भेज रही हैं।

वहीं देहरादून, ऋषिकेश से आने वाले यात्रियों की स्थानीय आईडी देखकर स्टेशन परिसर से बाहर जाने दिया जा रहा है !

कांवड़ यात्रा रद्द होने से व्यापारी ही नहीं, बल्कि कांवड़ बनाने वाले कारीगरों के रोजगार पर भी चोट पड़ी है।

कांवड़ यात्रा लगातार दूसरे साल रद्द होने से कारीगरों को परिवार का पालन पोषण करने के लिए मजदूरी का सहारा लेना पड़ रहा है।

ज्वालापुर क्षेत्र के लोधा मंडी, लाल मंदिर, कैथवाड़ा, बकरा मार्केट, मैदानियान आदि क्षेत्र के सौ से अधिक परिवार कांवड़ बनाने का काम करते रहे हैं।

कांवड़ बनाने वाले मेहराज, कालू, पीरू, सोनू, शाहिद आदि ने बताया कि सर्दी और श्रावण माह में चलने वाली कांवड़ से सालभर की रोजी रोटी की व्यवस्था हो जाती थी।

इसमें परिवार की महिलाएं, बच्चों समेत पूरे परिवार के लोगों काम मिल जाता था। इन लोगों का कहना है कि कोरोना काल में पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं।

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