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कबाड़ कारोबार: कर मे हो रही चोरी, 18 % की बजाए पांच % भर रहे जीएसटी….

पुरानी, टूटी फूटी चीजों को हम कबाड़ समझकर कौडिय़ों के भाव बेच देते हैं, लेकिन कबाड़ के कारोबार में लगे लोग इससे बड़ी आमदनी कर रहे हैं। समस्या यह है कि करोड़ों के कारोबार में उचित जीएसटी का भुगतान नहीं किया जा रहा है। राज्य कर विभाग की छापेमारी में यह मामला उजागर हुआ है। आकलन में करोड़ों की जीएसटी चोरी का मामला सामने आया है। 

लोहा, प्लास्टिक व इलेक्ट्रानिक सामान व अन्य चीजों का कबाड़ मुहल्लों से छोटे-छोटे वाहनों से एकत्र किया जाता है। जिसे किसी थोक कारोबारी को बेच दिया जाता है। थोक कारोबारी इस माल को मंहगी कीमत पर बाजार में बेचता है। जिसके लिए सरकार ने 18 फीसद जीएसटी की देनदारी तय की है। जबकि कबाड़ के कारोबारी मात्र पांच फीसद जीएसटी का ही भुगतान कर रहे हैं। इस तरह 13 फीसद जीएसटी की कर चोरी में हर माह करोड़ों रुपये का गबन किया जा रहा है। 

एसटीएफ की डिप्टी कमिश्नर स्मिता चंद्रा ने बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद राज्य कर विभाग की स्पेशल टास्क फोर्स के सदस्यों ने बरेली रोड स्थित एक कबाड़ी की फर्म पर छापेमारी की। मार्च माह के दूसरे सप्ताह में हुई छापेमारी के दौरान करीब एक करोड़ रुपए की खरीद पर सिर्फ पांच फीसद के अनुसार भुगतान पाया गया। ऐसे में राज्य कर विभाग ने 18 फीसद के अनुसार भुगतान नहीं करने पर संपूर्ण कर सहित जुर्माने की भी कार्रवाई की है। एसटीएफ के सहायक कमिश्नर मो. कासिम ने बताया कि कबाड़ के कार्य में लगे लोगों को 18 फीसद जीएसटी का भुगतान करना होगा।

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