
26 मार्च को भारत बंद के दौरान हुआ व्यापक विरोध प्रदर्शन, अहमदाबाद में किसान नेता युद्धवीर सिंह को पुलिस ने हिरासत में लिया
28 मार्च को होलिका दहन के दौरान कृषि कानून की प्रतियां जलाएंगे किसान, धरना स्थलों पर ही मनाएंगे त्योहार
26 मार्च को किसानों द्वारा बुलाया गया भारत बंद अपना व्यापक असर छोड़ने में काफी हद तक सफल रहा। इस दौरान पूरे देशभर में शांतिपूर्ण तरीके से धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया। लेकिन उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में कुछ जगहों पर किसान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़पें हुईं। गुजरात के अहमदाबाद में पुलिस ने प्रेसवार्ता करने के दौरान किसान नेता चौधरी युद्धवीर सिंह को हिरासत में ले लिया जिसके बाद किसान भड़क गये। किसानों ने केंद्र और गुजरात सरकार एक खिलाफ जबर्दस्त नारेबाजी की और अपने नेता की रिहाई की मांग की। किसानों ने कहा है कि अगर उनके नेता की तत्काल रिहाई नहीं होती है तो वे सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होंगे। किसान संयुक्त मोर्चा शनिवार को एक बैठक कर इस मामले पर आगे की रणनीति तय करेगा।
भारतीय किसान यूनियन के नेता धर्मेन्द्र मलिक ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार अब किसानों को अपनी बात भी नहीं रखने दे रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की अलोकतांत्रिक हरकत करने पर पुलिस गिरफ्तारी समझ में आती है, लेकिन जब पूरी तरह लोकतांत्रिक तरीके से देश के पत्रकारों को अपनी बात बताई जा रही थी, तब ऐसे समय में युद्धवीर सिंह की गिरफ्तारी बताती है कि सरकार किस हद तक अलोकतांत्रिक तरीके इस्तेमाल कर रही है।
उन्होंने कहा कि किसानों ने युद्धवीर सिंह की तत्काल रिहाई की मांग की है। अगर सरकार उनके नेता को रिहा नहीं करती है तो वे उग्र आन्दोलन करने को मजबूर होंगे। किसान नेता ने कहा कि इस मामले पर अंतिम रणनीति शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के दौरान लिया जाएगा।
किसान ने पूछा, क्या यही है गुजरात मॉडल?
अपनी गिरफ्तारी के समय भारतीय किसान यूनियन के महासचिव युद्धवीर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे देश में अपने गुजरात मॉडल की तारीफ करते हैं। लेकिन आज अपनी अलोकतांत्रिक गिरफ्तारी के बाद वे प्रधानमंत्री से पूछना चाहते हैं कि क्या यही वह गुजरात मॉडल है जिसकी वे तारीफ़ करते हैं जहां एक किसान को देश के पत्रकारों से भी बातचीत करने की इजाजत नहीं है। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को देश की लोकतांत्रिक परंपरा के विरुद्ध बताया।
‘कैसा है ये 56 इंच का सीना’
किसान नेता अविक साहा ने युद्धवीर सिंह की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी 56 इंच की छाती पर काफी गुमान करते रहे हैं। वे खुद को मजबूत सरकार होने का दंभ भरते रहे हैं। लेकिन एक किसान नेता की इस तरह की गिरफ्तारी से यह साफ़ हो गया है कि सरकार किसानों से किस हद तक डरी हुई है। अगर किसानों से उसे डर नहीं होता तो एक किसान नेता को पत्रकारों से बातचीत के दौरान गिरफ्तार नहीं किया जाता।
अब होली में दिखेगा किसानों का रंग
किसानों ने कहा है कि सरकार जितनी दमनपूर्ण नीति अपनाएगी, उनका विरोध प्रदर्शन उतना ही तेज होता जायेगा। आज के सफल भारत बंद के आयोजन के बाद 28 मार्च को होलिका दहन के दौरान किसान नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाएंगे। इसके अगले दिन दिल्ली के सभी धरनास्थलों पर किसान होली खेलेंगे। किसानों ने मनोरंजन के लिए ग्रामीण अंचल के कलाकारों को भी आमंत्रित किया है जो धरना स्थलों पर फाग की राग में तान देंगे।