संत बाबा राम सिंह की तरह सिंघु बॉर्डर पर कुर्बानी देने लगा था किसान-सुसाइड नोट मैं लिखी थी यह बातें- हालत…

सोनीपत : सिंघु बॉर्डर पर किसान लगातार तीनों कृषि कानूनों के विरोध में डटे हुए हैं। इनकी सिर्फ मांग यही है कि कानूनों को रद्द किया जाए, लेकिन कहीं ना कहीं अब किसान कुर्बानी के रास्ते पर चल पड़े हैं। कुछ दिन पहले सिंघु बॉर्डर पर ही संत बाबा राम सिंह ने अपने आप को गोली मारकर सुसाइड कर लिया था तो वहीं अब सोमवार को पंजाब के तरनतारन से आए किसान ने भी जहर खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त करने की कोशिश की है।

किसान की हालत गंभीर बनी हुई है, उसे रोहतक पीजीआई इलाज के लिए भेज दिया गया है।

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आत्महत्या की कोशिश करने वाले किसान निरंजन सिंह ने बताया कि सोमवार सुबह सिंघु बॉर्डर पर पहुंचा था और वहां पर किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं। मोदी सरकार ने जो तीन कानून बनाए हैं उनको लेकर विरोध कर रहे हैं। इसी को लेकर मैंने सोचा बगैर कुर्बानी के यह जंग जीत नहीं सकते और फिर जहर खा लिया। क्योंकि सरकार कुर्बानी के बिना यह कानून वापस नहीं लेगी। 

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उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की मांग नहीं मान रही है, 3 महीने बीत चुके हैं। किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं, जबकि सरकार किसानों की तरफ ध्यान नहीं दे रही है। बच्चे सहित महिला सब इतनी सर्दी में आंदोलन कर रहे हैं। यह ठीक नहीं है। 

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