नई दिल्ली: तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की मंगलवार को हुई बातचीत बेनतीजा रही। देश में नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए एक समिति गठित करने की सरकार की पेशकश को किसान संगठनों ने ठुकरा दिया। हालांकि, दोनों पक्ष गुरुवार को फिर से बैठक को लेकर सहमत हुए हैं।
सरकार की ओर से कानूनों को निरस्त करने की मांग को खारिज कर दिया। सरकार ने किसानों संगठनों को नए कानूनों को लेकर उनकी आपत्तियों को उजागर करने तथा गुरुवार को होने वाले वार्ता के अगले दौर से पहले बुधवार को सौंपने को कहा है।
किसानों ने ठुकराया सरकार का प्रस्ताव
किसान संगठनों ने कहा कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जातीं हैं तब तक देश भर में आंदोलन तेज किया जायेगा। बैठक में 35 किसान नेताओं ने भाग लिया। बैठक के बाद, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने एक बयान में कहा कि वार्ता अनिर्णायक रही और सरकार का प्रस्ताव किसान संगठनों को स्वीकार्य नहीं है। बयान में कहा गया है कि किसान नेताओं ने आपत्तियों पर गौर करने और उनकी चिंताओं का अध्ययन करने के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाने के सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
सरकार की तरफ से वार्ता की अगुवाई कर रहे कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि उन्होंने विस्तृत चर्चा की और अगली बैठक 3 दिसंबर को फिर से शुरू होगी। कृषि मंत्रालय ने कहा कि बैठक में यह आश्वासन दिया गया था कि केंद्र हमेशा किसानों के हित की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और हमेशा किसानों के कल्याण पर चर्चा के लिए खुले मन से तैयार है।

आज पंजाब और हरियाणा से रवाना होंगे ट्रैक्टर
किसानों के समर्थन में पंजाब के खेल जगत के नामी सितारे और गायक आ गए हैं वहीं दूसरी तरफ पंजाब और हरियाणा से और किसान दिल्ली आने की तैयारी में हैं। किसानों द्वारा जाम की गई दिल्ली की सड़कों पर किसानों की तादाद बढ़ने वाली है।
किसानों के लिए राशन और दवाइयों का बंदोबस्त
पंजाब और हरियाणा की पंचायतों की अपील पर धरने पर बैठे किसानों के लिए राशन, दवाइयां और जरूरत के अन्य सामान जुटाए जा रहे हैं। इन सामानों को ट्रैक्टरों पर लाद कर दिल्ली बॉर्डर पर भेजे जा रहे हैं ताकि किसानों को किसी तरह की कोई दिक्कत न हो। वहीं पंचायतों ने अपील की है कि हर एक परिवार से कम से कम एक सदस्य दिल्ली भेजा जाए ताकि किसानों का हौसला बढ़ाया जा सके।