कोरोना और प्रदूषण की दोहरी मार, दिल्ली में बढे 9 फीसदी मरीज

दिल्ली में रहने वाले लोगों पर कोरोना और प्रदूषण की दोहरी मार पड़ी है. एक रोजाना रिकॉर्ड तोड़ रहे कोरोना के आंकड़े डरा रहे हैं तो दूसरी तरफ हवा की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है. शुक्रवार को इस सीजन में हवा की गुणवत्ता सबसे खराब रही. यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार चला गया. इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 के मामले बढ़ने का कारण त्योहार के दौरान भीड़, खराब हवा और सांस संबंधी बीमारियों को बताया है.

मंत्रालय ने बताया कि दिल्ली में पिछले चार हफ्ते में 29,378 नए मामले सामने आए जो करीब 46 फीसदी नए मामले हैं और पिछले 4 हफ्ते में सक्रिय मामलों की संख्या में करीब 9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने दिल्ली, पश्चिम बंगाल और केरल में स्थिति की समीक्ष बैठक की. इस बैठक में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल और आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव भी शामिल हुए.

इस दौरान मंत्रालय ने कहा, ‘त्योहार के दौरान भीड़भाड़, वायु गुणवत्ता खराब होने, श्वसन संबंधी बीमारियों में बढ़ोतरी और कार्यस्थल पर पॉजिटिव मामलों के कारण दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले बढ़े हैं.’ केंद्र शासित प्रदेश को सलाह दी गई कि जांच के मामलों में बढ़ोतरी करें, आरटी-पीसीआर जांच बढ़ाएं, संपर्क का पता लगाने पर ध्यान दिया जाए और जो लोग संपर्क में आए हों उन्हें 72 घंटे के अंदर पृथक-वास में रखा जाए.

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