दिल्ली के मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के सरकारी आवास के रेनोवेशन को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म है। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने बंगला नंबर-1 के नवीनीकरण के लिए 60 लाख रुपये का टेंडर जारी किया है, जहां रेखा गुप्ता खुद रहने वाली हैं। यह कोई नया निर्माण नहीं है, बल्कि पुराने ढांचे को रहने लायक बनाने की कोशिश है। दरअसल, यह वही बंगला है जो पहले उपराज्यपाल का दफ्तर हुआ करता था—इसलिए इसकी आंतरिक बनावट ऑफिस जैसी हो गई थी। बड़े कमरों को केबिन में बदला गया था, जिनमें कर्मचारी बैठते थे। अब जब यह एक घर बनने जा रहा है, तो इसकी मरम्मत और ढांचागत बदलाव जरूरी हो गए हैं।
हालांकि, इस खर्च को लेकर विरोधी पार्टियां सवाल उठा रही हैं। आम आदमी पार्टी ने तो तंज कसते हुए इसे ‘माया महल’ कहना शुरू कर दिया है, जबकि कांग्रेस भी खुलकर आलोचना कर रही है। रेखा गुप्ता को दो बंगले मिले हैं—पहले में वह रहेंगी और दूसरे को कैंप ऑफिस की तरह इस्तेमाल किया जाएगा। जहां एक ओर सरकार का कहना है कि बंगले को रहने लायक बनाने के लिए ये काम जरूरी हैं, वहीं विपक्ष इसे जनता के पैसे की बर्बादी बता रहा है। इस पूरे मुद्दे ने रेनोवेशन से ज्यादा एक राजनीतिक रंग ले लिया है, जो अब दिल्ली की सियासत का नया चर्चित विषय बन गया है।

बता दे की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता अभी तक अपने परिवार के साथ शालीमार बाग स्थित निजी घर में रह रही थीं, लेकिन अब उनके आधिकारिक निवास के रेनोवेशन को लेकर 60 लाख रुपये का टेंडर जारी किया गया है। शुरुआती रिपोर्ट्स बताती हैं कि वे पहले लुटियंस दिल्ली में किसी उपयुक्त सरकारी आवास की तलाश में थीं, मगर केंद्र सरकार के अंतर्गत आने वाले बंगलों की अदला-बदली में कोई उपयुक्त विकल्प नहीं मिल पाया। अब उन्हें जो बंगला मिला है, वह पहले उपराज्यपाल का दफ्तर था और इसकी बनावट काफी हद तक ऑफिस जैसी हो गई थी। ऐसे में इसे रहने लायक बनाने के लिए रेनोवेशन जरूरी हो गया, जो अब चर्चा का विषय बन गया है।
वही टेंडर की डिटेल्स पर नजर डालें तो ये पूरा काम सिर्फ इंटीरियर और इलेक्ट्रिकल सुधार तक सीमित है—कोई नई इमारत नहीं बन रही। बंगले में आधुनिक जीवनशैली के हिसाब से सुविधाएं जोड़ी जा रही हैं, जैसे कि 14 एयर कंडीशनर, पांच स्मार्ट टीवी, सीसीटीवी कैमरे, डेकोरेटिव लाइट्स और किचन के लिए ओटीजी, डिश वॉशर और माइक्रोवेव जैसी चीजें। वहीं सुरक्षा और बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लिए UPS सिस्टम और गीजर भी लगाए जा रहे हैं। यह एक ऐसा घर बनने जा रहा है जो न सिर्फ मुख्यमंत्री के कामकाज को सुचारू बनाएगा, बल्कि उनके परिवार के लिए भी एक आरामदायक माहौल तैयार करेगा—हालांकि विपक्ष इसे फिजूलखर्ची के तौर पर देख रहा है।
रिपोर्ट:- कनक चौहान