जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हाल ही में आतंकवाद और सीमा पार से हुई गोलाबारी के पीड़ितों के लिए बड़ी घोषणाएँ की हैं। इन पहलों का उद्देश्य दशकों से पीड़ित परिवारों को त्वरित न्याय, रोज़गार और सुरक्षा प्रदान करना है। उन्होंने यह ऐलान किया कि ऐसे सभी परिवारों को, जिनके किसी सदस्य की जान आतंकवादी घटनाओं में गई है, उनके एक योग्य बेरोजगार परिजन को 30 दिन के भीतर सरकारी नौकरी दी जाएगी।
सबसे पहली शुरुआत
पहल की शुरुआत अनंतनाग जिले में हुई, जहाँ एलजी ने गुलनाज़ अख्तर को नियुक्ति पत्र सौंपा। वह हालिया पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए टट्टू चालक सैयद आदिल हुसैन शाह की पत्नी हैं। एलजी सिन्हा ने उन्हें मत्स्य पालन विभाग में नौकरी दी और यह स्पष्ट किया कि राज्य उनके बलिदान को नहीं भूलेगा।

ज़ीरो टॉलरेंस निति के साथ एक्शन
इसके अलावा, एलजी कार्यालय ने तीन सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किया है, जिनपर आतंकियों से संबंध रखने के आरोप हैं। यह राज्य प्रशासन की “ज़ीरो टॉलरेंस” नीति का संकेत है।

मनोज सिन्हा ने यह भी वादा किया कि सीमा से लगे इलाकों में रहने वाले परिवारों को बंकर, वित्तीय सहायता और पुनर्वास जैसे तमाम सुरक्षा संसाधन मुहैया कराए जाएंगे।