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ईरान इजरायल जंग में अमेरिका की एंट्री ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर की बमबारी ईरान बोला…


अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर किया सीधा हमला, ट्रम्प ने बताया “सैन्य सफलता”

21 जून 2025, शनिवार | वाशिंगटन/तेहरान/यरुशलम

अमेरिका ने पहली बार सीधे तौर पर ईरान के परमाणु स्थलों पर बड़ा हमला किया है। अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि अमेरिकी वायुसेना ने 21–22 जून की रात ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों—Fordow, Natanz और Isfahan—को निशाना बनाकर “संपूर्ण बमवर्षा” की।

ट्रम्प ने इसे “spectacular military success” करार देते हुए कहा, “Fordow पर पूरा बम लोड गिराया गया, सभी विमान सुरक्षित लौट आए हैं। अगर ईरान शांति नहीं चाहता, तो अगला हमला और बड़ा होगा।”

हमले की तकनीकी जानकारी:

इस हमले में अमेरिका ने अत्याधुनिक B‑2 स्टील्थ बमवर्षक और GBU‑57 ‘bunker‑buster’ बमों का इस्तेमाल किया। इसके साथ ही टॉमहॉक क्रूज़ मिसाइलें भी सबमरीन से दागी गईं।

ईरान की प्रतिक्रिया:

ईरानी मीडिया और परमाणु एजेंसी के अनुसार, “हमले से कुछ नुकसान हुआ है, लेकिन हमारे वैज्ञानिक और कार्यक्रम कार्यरत रहेंगे।” IAEA (अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी) ने कहा कि रेडियोधर्मी रिसाव नहीं हुआ, और क्षेत्र सुरक्षित है।

ईरान की ओर से संभावित जवाबी कार्रवाई के तहत मिसाइल, ड्रोन या प्रॉक्सी संगठनों के जरिये हमले की आशंका जताई जा रही है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ:

  • संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस ने हमले को “खतरनाक वृद्धि” बताया और संयम बरतने की अपील की।
  • रिपब्लिकन नेताओं ने ट्रम्प का समर्थन किया है, जबकि डेमोक्रेट्स ने इसे “कांग्रेस की मंज़ूरी के बिना असंवैधानिक युद्ध कार्रवाई” कहा है।
  • चीन, जापान, ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस जैसे देशों ने क्षेत्रीय शांति बनाए रखने की अपील की है।

तेल और वैश्विक बाज़ार पर असर:

हमले के तुरंत बाद वैश्विक बाज़ार में तेल की कीमतों में उछाल आया। बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी में भारी गिरावट दर्ज की गई। अमेरिका ने इज़राइल में मौजूद अपने नागरिकों को निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।


निष्कर्ष:

  • अमेरिका ने पहली बार ईरान के तीन रणनीतिक परमाणु स्थलों पर सीधा हमला किया है।
  • ट्रम्प ने इसे सैन्य सफलता बताया और आगे की कार्रवाई की चेतावनी दी।
  • ईरान ने परमाणु कार्यक्रम जारी रखने की बात कही है, जबकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय तनाव और युद्ध की आशंका से चिंतित है।
  • क्षेत्रीय स्थिरता पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है, और वैश्विक बाज़ारों पर इसका असर स्पष्ट दिख रहा है।

संपादकीय टिप्पणी:
यह हमला केवल सैन्य कार्रवाई नहीं बल्कि एक कूटनीतिक और वैश्विक शक्ति संतुलन को चुनौती देने वाला कदम है। ईरान की प्रतिक्रिया और वैश्विक समुदाय की भूमिका आने वाले दिनों में मध्य पूर्व की दिशा तय करेगी।


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