हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। यह दिन न केवल योग की प्राचीन परंपरा को विश्व स्तर पर सम्मान देने का माध्यम है, बल्कि यह मानवता को एकता, स्वास्थ्य और संतुलन का संदेश भी देता है।
इस वर्ष की थीम “Yoga for One Earth] One Health”(एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग) – हमें याद दिलाती है कि व्यक्ति का स्वास्थ्य पृथ्वी के स्वास्थ्य से जुड़ा है। यदि पर्यावरण असंतुलित है, तो व्यक्तिगत स्वास्थ्य भी टिकाऊ नहीं रह सकता।
एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य: आज की सबसे बड़ी ज़रूरत
जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और तेजी से फैलती जीवनशैली संबंधी बीमारियाँ इस बात की चेतावनी हैं कि स्वास्थ्य सिर्फ अस्पताल या दवाओं से नहीं, एक समग्र दृष्टिकोण से आता है। योग न केवल तन-मन की देखभाल करता है, बल्कि प्रकृति के साथ हमारे संबंध को भी मजबूत बनाता है। जब हम नियमित योगाभ्यास करते हैं, तो हमारी जीवनशैली स्वतः ही अधिक अनुशासित, सजग और प्रकृति के अनुकूल बन जाती है।
योग: अभ्यास नहीं, जीवन का संतुलन
योग एक सम्पूर्ण जीवन पद्धति है। यह श्वास, आसन और ध्यान के माध्यम से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य सुधारता है, बल्कि मानसिक स्पष्टता और भावनात्मक स्थिरता भी देता है। आज के तनावपूर्ण जीवन में योग एक ऐसा सरल, सुरक्षित और सशक्त माध्यम है जो व्यक्ति को स्वयं से जोड़ता है।
प्रमुख योग अभ्यास (आसन और प्राणायाम): लाभ, विधि और समय
योग आसन: शरीर की शक्ति और मन की स्थिरता
- भूनमनासन
लाभ: पीठ, कंधों और छाती की जकड़न को खोलता है और रीढ़ को लचीला बनाता है।
कैसे करें: पैरों को सीधा फैलाकर बैठें, हाथ सामने उठाएं और शरीर को एक ओर पीछे मोड़ते हुए दोनों हाथ ज़मीन पर रखें।
सिर को घुमाकर ज़मीन की ओर झुकाएं ताकि ठोड़ी या माथा कंधे के पास जाए।
कब करें: अभ्यास के अंत में या शरीर को रिलैक्स करने के लिए दोनों ओर 2-3 बार करें। - चक्रासन
लाभ: रीढ़ और छाती को खोलता है, ऊर्जा बढ़ाता है।
कैसे करें: पीठ के बल लेटकर शरीर को ऊपर उठाएं, हाथ-पैर से सहारा दें।
कब करें: सुबह स्ट्रेचिंग के बाद, खाली पेट। - वृक्षासन
लाभ: मानसिक संतुलन और आत्मविश्वास बढ़ाता है।
कैसे करें: एक पैर पर खड़े होकर दूसरा जांघ पर रखें, हाथ ऊपर जोड़ें।
कब करें: ध्यानपूर्वक अभ्यास में, दिन में कभी भी। - पद्मासन
लाभ: ध्यान के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थिति, मन को स्थिर करता है।
कैसे करें: दोनों पैरों को विपरीत जांघों पर रखें, ज्ञान मुद्रा में बैठें।
कब करें: ध्यान, जप या प्राणायाम के समय। - पादहस्तासन
लाभ: पीठ व हैमस्ट्रिंग्स को लचीलापन देता है, पाचन सुधारता है।
कैसे करें: सीधे खड़े होकर आगे झुकें, पैरों को पकड़ें।
कब करें: स्ट्रेचिंग या सूर्य नमस्कार के दौरान। - प्रमुख प्राणायाम
- अनुलोम-विलोम प्राणायाम
लाभ: तनाव कम करता है, नाड़ियों को शुद्ध करता है, रक्तचाप संतुलित करता है।
कैसे करें: एक नथुने से सांस लें, दूसरे से छोड़ें, बारी-बारी दोहराएं।
कब करें: सुबह खाली पेट या शाम को शांत स्थान पर। - भ्रामरी प्राणायाम
लाभ: मन को शांत करता है, अनिद्रा व चिड़चिड़ापन में उपयोगी है।
कैसे करें: आंखें और कान बंद करके मधुमक्खी जैसी ध्वनि करें।
कब करें: रात को सोने से पहले या ध्यान से पहले। - कपालभाति प्राणायाम
लाभ: पेट की चर्बी कम करता है, पाचन सुधरता है।
कैसे करें: तेजी से सांस बाहर छोड़ें, पेट की क्रिया से।
कब करें: सुबह खाली पेट, धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।
योग दिवस 2025: 5 प्रभावशाली संकल्प जो आप आज से ले सकते हैं
- हर दिन कम से कम 20 मिनट योग और 10 मिनट ध्यान को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
- रोज़मर्रा की ज़िंदगी में प्लास्टिक कम करें और प्राकृतिक विकल्प अपनाएं।
- हर सप्ताह किसी एक व्यक्ति को योग से जोड़ने या प्रेरित करने का प्रयास करें।
- घर में एक शांत योग/ध्यान कोना बनाएं जहाँ रोज़ 5 मिनट भी मौन में बैठा जा सके।
- हर महीने एक दिन डिजिटल डिटॉक्स करें और समय प्रकृति के साथ बिताएं।
योग ही वह सेतु है जो मानव और प्रकृति को जोड़ता है
आज की तेज़, तकनीकी और तनावपूर्ण दुनिया में योग न केवल एक स्वास्थ्य साधन है, बल्कि यह पृथ्वी के प्रति हमारी ज़िम्मेदारी को समझने और निभाने का रास्ता भी है।
इस 21 जून को केवल योग करें नहीं – योग को जिएं।
क्योंकि जब हम संतुलित होते हैं, तो हमारी पृथ्वी भी स्वस्थ होती है।
लेखिका : सारिका नामा
योग प्रशिक्षिका एवं पर्यावरण-संवेदनशील जीवनशैली की समर्थक
