CRPF में पाक जासूस! ASI मोती राम ने की देश के साथ गद्दारी पहलगाम हमले से…….

नई दिल्ली, 27 मई 2025
भारत की आंतरिक सुरक्षा में एक बड़ा झटका उस समय लगा जब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के एक जवान पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप सामने आया। आरोपी सहायक उप-निरीक्षक (ASI) मोती राम जाट को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है।

क्या है पूरा मामला?

मोती राम जाट पर आरोप है कि वह 2023 से पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों (PIO) को देश की संवेदनशील जानकारियां लीक कर रहा था। इनमें सुरक्षा बलों की तैनाती, मूवमेंट पैटर्न और प्रमुख सैन्य प्रतिष्ठानों के स्थानों से जुड़ी क्लासिफाइड जानकारियां शामिल थीं। जाट को इसके बदले आर्थिक लाभ भी मिल रहे थे।

सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तारी से ठीक पहले उसे जम्मू-कश्मीर के पहलगाम से ट्रांसफर किया गया था — और वह ट्रांसफर एक घातक आतंकी हमले के मात्र 6 दिन पहले हुआ। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिक मारे गए, जिनमें अधिकतर हिंदू पर्यटक थे।

सोशल मीडिया एक्टिविटी से हुआ पर्दाफाश

सीआरपीएफ और केंद्रीय एजेंसियों ने मोती राम की सोशल मीडिया गतिविधियों पर नजर रखी थी। जांच में यह सामने आया कि उसने सेवा प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया था, जिससे उस पर संदेह हुआ। इसी आधार पर कार्रवाई करते हुए 21 मई 2025 को उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।

एनआईए की जांच जारी

फिलहाल मोती राम जाट को विशेष अदालत में पेश कर 6 जून तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया गया है। एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसका आतंकवादी नेटवर्क से कोई सीधा संबंध था या नहीं। साथ ही यह भी जांच चल रही है कि क्या वह पहलगाम हमले में भी शामिल था
सीआरपीएफ ने स्पष्ट किया है कि देशद्रोह जैसी गतिविधियों के लिए “जीरो टॉलरेंस” की नीति अपनाई जाती है और संबंधित व्यक्ति को नियमों व संविधान के तहत कार्रवाई कर बर्खास्त किया गया है।
यह घटना भारतीय सुरक्षाबलों के भीतर जासूसी नेटवर्क के खतरों की गंभीरता को दर्शाती है। एनआईए की रिपोर्ट आने के बाद और भी बड़े खुलासे संभव हैं।

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