बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार प्रदेश में 1700 से अधिक विद्यालय नियमित शिक्षकविहीन हैं। यहां पर पास के शिक्षक या शिक्षामित्रों को तैनात कर पढ़ाई कराई जा रही है। इसी तरह 9100 से अधिक विद्यालय में एक नियमित शिक्षक हैं। इसके साथ ही शिक्षामित्र व अनुदेशक भी तैनात हैं। जबकि काफी स्कूल ऐसे भी हैं, जहां पर बच्चों की संख्या के अनुपात में अधिक शिक्षक तैनात हैं।
इसका असर परिषदीय विद्यालयों की पठन-पाठन व्यवस्था पर पड़ेगा। शासन की ओर से जारी तबादला निर्देश में यह भी कहा गया है कि आवश्यकता से अधिक शिक्षक वाले स्कूलों व जिलों को चिह्नित किया जाएगा। इनकी सूचना भी पोर्टल पर ऑनलाइन जारी की जाएगी। इसके अनुसार शिक्षक अपना 10 प्राथमिकता वाला विकल्प देंगे। विभाग शिक्षकों का तबादला उनकी स्वेच्छा से ही ज्यादा से कम शिक्षक संख्या वाले विद्यालयों व जिलों में करेगा।
प्रदेश में चल रही परस्पर तबादले की प्रक्रिया के बीच शासन ने सामान्य तबादले का आदेश जारी कर दिया है। शिक्षक नेताओं की माने तो इसका असर वर्तमान में चल रही प्रक्रिया पर भी पड़ेगा। शिक्षक नेता निर्भय सिंह ने बताया कि सामान्य तबादले में कहा गया है कि आवश्यकता से अधिक शिक्षक वाले स्कूलों व जिलों को चिह्नित किया जाएगा।
इसके अनुसार आवश्यकता वाले स्कूलों व जिलों में शिक्षकों का तबादला किया जाएगा। ऐसे में अगर परस्पर तबादला पाने वाला शिक्षक, जहां आ रहा है। वहां पहले से शिक्षकों की संख्या बेहतर है तो सामान्य तबादले में वह फिर कहीं भेजा जा सकता है। हालांकि शासन ने स्पष्ट किया है कि तबादला स्वेच्छा से ही किया जाएगा। वहीं सामान्य तबादले में जाने वाला शिक्षक संबंधित जिले में वरिष्ठता सूची में सबसे नीचे होगा। इसकी वजह से भी काफी शिक्षक तबादला नहीं लेना चाहेंगे। क्योंकि उनकी वरिष्ठता प्रभावित होगी।
Report, by – journalist Bashu kumar