समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हाल ही में राज्य में किसानों की बिगड़ती स्थिति को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने किसानों के उत्पीड़न के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और उनकी समस्याओं को नजरअंदाज किया है। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने अपनी वाहवाही के लिए किसानों से धान खरीद का ऐलान तो किया, लेकिन अभी तक क्रय केंद्रों की व्यवस्था भी नहीं हो पाई है। कई जगहों पर तो क्रय केंद्रों पर ताले लगे हुए हैं और किसानों को ऐसे ही टरका दिया जा रहा है।
अखिलेश यादव ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की गलत नीतियों और उपेक्षा के कारण किसानों के लिए खेती घाटे का सौदा बनकर रह गई है। धान, गन्ना, गेहूं, मूंगफली, आलू जैसी फसलों के किसान परेशान हैं और बढ़ती महंगाई के चलते उन्हें अपनी फसलों का लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन वह वादा झूठा साबित हुआ है।
इससे पहले, यूपी विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भी अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि भाजपा ने किसानों को धोखा दिया है और राज्य में कोई नई मंडी स्थापित नहीं की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि इस सरकार के तहत जब किसानों ने तीन काले कानूनों के खिलाफ बात की, तो लगभग 1000 किसानों की जान चली गई।
इन आरोपों के जवाब में, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 से पहले यूपी में सिर्फ अराजकता और गुंडागर्दी थी, जबकि अब यूपी में नए भारत का नया उत्तर प्रदेश बन चुका है। उन्होंने कहा कि विपक्षी नेता अच्छे से होमवर्क करके सदन नहीं आते हैं और उनके पास सही आंकड़े नहीं होते। उन्होंने यह भी दावा किया कि यूपी की जीएसडीपी 2016-17 में तेरह लाख करोड़ के आसपास थी, जो अब बढ़कर 24.5 लाख करोड़ पर पहुंच चुकी है।