एडीएम के के मिश्रा को देहरादून से हटाया जाये कर सकते है जाँच प्रभावित: एडवोकेट प्रियंका रानी प्रदेश सचिव जन अधिकार पार्टी- जनशक्ति..

प्रियंका रानी ने बयान देते हुए कहा है की गौतम बुद्ध सुभारती मेडिकल कॉलेज के गंभीर भ्रष्टाचार मामले में उत्तराखंड के एक आईएएस एवं 2 पीसीएस सहित कुल 4 अधिकारियों के ख़िलाफ़ न्यायालय द्वारा जांच के आदेश देहरादून के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी माननीय सैयद गुफ़रान ने उत्तराखंड के 4 अधिकारियो जिनमे वित्त नियंत्रक विवेक स्वरूप श्रीवास्तव, देहरादून के अपर जिलाधिकारी के के मिश्रा, शासन में अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान एवं निदेशक चिकिसा शिक्षा डा आशुतोष सयाना के ख़िलाफ़ जाँच के आदेश दे दिए है ।
ऐसे मे यह बहुत ही महतत्वपूर्ण हो जाता कि जिन अधिकारियो की नन्यायलय द्धारा जाँच करायी जा रही वह अधिकारी कही देहरादून मे पोस्टेड होने की वजह से जाँच को प्रभावित तो नहीं कर रहे है, इस मामले मे जल्द ही मुख्य सचिव से तथ्यों के साथ मुलाक़ात कर कानूनी कार्यवाही करवाई जाएगी।

देहरादून। आज देहरादून के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी माननीय सैयद गुफ़रान ने उत्तराखंड के 4 अधिकारियो जिनमे वित्त नियंत्रक विवेक स्वरूप श्रीवास्तव, देहरादून के अपर जिलाधिकारी के के मिश्रा, शासन में अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान एवं निदेशक चिकिसा शिक्षा डा आशुतोष सयाना के ख़िलाफ़ जाँच के आदेश दे दिए है


शिकायतकर्ता ने उक्त अधिकारियों के खिलाफ 22 गंभीर धाराओ में मुक़दमा दर्ज करने का केस दायर किया था

बता दे कि एनएमसी, भारत सरकार विजिलेंस सहित अनेक जांच उक्त से संबंधित मामले में चल रही है और जल्दी ही गौतम बुद्ध चिकित्सा महाविद्यालय पर ताला लग सकता है क्यूंकि पूर्व में भी यहाँ के छात्रों को फर्जी एमबीबीएस डिग्री देने के आरोप के चलते राज्य सरकार एवं सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में शिफ्ट किया गया था और 97 करोड़ की पैनल्टी राज्य सरकार ने सुभारती पर लगाई थी और राज्य में मेडिकल कॉलेज चलाने के लिए बैन लगाया था परंतु उक्त ट्रस्ट ने सभी को धोखे में रख नाम बदल कर फर्जीवाड़ा एवं कुटरचना कर फर्जी शपथ पत्र एवं दस्तावेज बनाकर एनएमसी से अनुमति हासिल कर ली थी और हाल ही में जिन जमीनों को दिखा कर गौतम बुद्ध चिकित्सा महाविद्यालय दिखाया उनमे से कई बीघा राज्य सरकार में निहित हो चुकी है और बाक़ी की लैंड फ्रॉड कमिटी,गढ़वाल कमिश्नर के यहाँ 2 साल से पत्राचार आपस में ही अधिकारियों में चल रहा है ।

उक्त सभी कृत्य वादी ने DGP उत्तराखंड , गृह सचिव सहित आला अफसरों की जानकारी में प्रस्तुत किए थे जिस पर CAG रिपोर्ट सहित जांच आख्या क्षेत्राधिकारी द्वारा दी गई थी जिसे वादी ने कोर्ट में प्रस्तुत किया था और भारतीय न्याय संहिता की 22 गंभीर धाराओ में मुक़दमा दर्ज करने की याचिका दायर की है 

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