पाकिस्तान ने हाल ही में अपने ही नागरिकों को स्वदेश लौटने की अनुमति देने से इनकार किया है, जिससे अटारी बॉर्डर पर स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। पाकिस्तान ने 1 नवंबर तक 17.3 लाख अफगान शरणार्थियों को देश छोड़ने का आदेश दिया है, जिनमें से अधिकांश अवैध रूप से पाकिस्तान में रह रहे हैं। इस निर्णय के बाद, तोरखम बॉर्डर पर हजारों अफगान नागरिकों की भीड़ जमा हो गई है, जो बिना आश्रय और आवश्यक सुविधाओं के खुले में रात बिता रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने पाकिस्तान के इस कदम की आलोचना की है, इसे जबरन निर्वासन मानते हुए।
इस बीच, अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तान के काउंटर बंद होने से भारतीय नागरिकों की वापसी भी प्रभावित हुई है। हाल ही में, 190 पाकिस्तानी नागरिक जो कोरोना महामारी के कारण भारत में फंसे हुए थे, उन्हें अटारी-वाघा बॉर्डर से स्वदेश भेजा गया था। इस प्रक्रिया में भारतीय अधिकारियों ने उन्हें आवश्यक यात्रा दस्तावेज, भोजन, चिकित्सा सहायता और आश्रय प्रदान किया।
अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तान के काउंटर बंद होने से भारतीय नागरिकों की वापसी में भी रुकावट आई है। पाकिस्तान के इस निर्णय के कारण अटारी बॉर्डर पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, और नागरिकों की वापसी प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।