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पहलगाम हमले को लेकर अब लखनऊ यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ. माधुरी पर देशद्रोह का मुकदमा

डॉ. माधुरी काकोटी विवाद: देशद्रोह और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोपों में लखनऊ यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर पर एफआईआर

लखनऊ यूनिवर्सिटी की भाषा विज्ञान विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माधुरी काकोटी एक गंभीर विवाद में फंस गई हैं। उन पर देशद्रोह, धार्मिक सौहार्द्र को नुकसान पहुंचाने, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, लोक शांति भंग करने और आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। यह मामला हसनगंज थाने में दर्ज हुआ है और पुलिस इसकी गहन जांच में जुट गई है।

क्या है पूरा मामला?

प्रोफेसर डॉ. काकोटी ने सोशल मीडिया पर एक ऐसा पोस्ट शेयर किया, जिसे लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया। आरोप है कि उन्होंने अपने पोस्ट में ‘भगवा आतंकवादी’ जैसे आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया, जिससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं और समाज में तनाव फैलाने की कोशिश मानी जा रही है।

एफआईआर में यह भी कहा गया है कि डॉ. काकोटी की पोस्ट को पाकिस्तानी मीडिया चैनलों ने भी शेयर किया है, जिससे यह संदेह और गहरा हो गया है कि उनके विचार सिर्फ व्यक्तिगत नहीं, बल्कि देश विरोधी तत्वों को प्रेरित करने वाले हैं। पुलिस को आशंका है कि उनकी सोशल मीडिया गतिविधियों का उद्देश्य देश में दंगे भड़काना हो सकता है।

कानूनी पहलू

डॉ. काकोटी पर भारतीय दंड संहिता की गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। जिन धाराओं का उल्लेख एफआईआर में किया गया है, उनमें देशद्रोह (धारा 124A), धार्मिक सौहार्द बिगाड़ना (धारा 153A), धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना (धारा 295A) और आईटी एक्ट की धाराएं शामिल हैं।

यदि इन आरोपों में सच्चाई पाई जाती है, तो यह प्रोफेसर के करियर पर बहुत बड़ा प्रभाव डाल सकता है और उन्हें लंबे समय तक जेल की सजा भी हो सकती है।

सोशल मीडिया की भूमिका

यह मामला एक बार फिर से यह सवाल खड़ा करता है कि सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की आज़ादी और जिम्मेदारी के बीच की सीमा कहां खींची जाए। जहां एक ओर व्यक्ति को अपने विचार रखने की स्वतंत्रता है, वहीं दूसरी ओर, देश की सुरक्षा, सामाजिक शांति और सांप्रदायिक सौहार्द के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता।

निष्कर्ष

डॉ. माधुरी काकोटी का मामला देश में बढ़ती सोशल मीडिया निगरानी, देशद्रोह के कानूनों और धार्मिक संवेदनशीलता के विषय में एक नई बहस को जन्म दे सकता है। पुलिस जांच जारी है और अब देखना यह होगा कि इस मामले में आगे क्या कानूनी और सामाजिक मोड़ आता है

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